Budget 2023: इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं ये 5 यादगार बजट, हमेशा याद किए जाएंगे
Budget 2023:ऐसे कई बजट पेश किए गए, जिसे लोगों ने याद रखा. इनमें से कुछ बजट अपनी खासियत की वजह से तो कुछ बजट अपनी खामियों की वजह से याद रखे गए.
Budget 2023: बजट आने में कुछ ही दिन बचे हैं. देश का हर तबका बजट का बेसब्री से इंतज़ार करता है. सबको उम्मीदें रहती है कि बजट में उनके लिए कुछ फायदेमंद होगा. 1 फरवरी 2023 को इस साल का आम बजट देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी. हर बार की तरह इस बार भी लोग बजट से काफी आस लगाए बैठे हैं. ऐसे में ये देखनी वाली बात होगी कि इसबार बजट में क्या खास होगा.
भारत की आज़ादी के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. उसके बाद ऐसे कई बजट पेश किए गए, जिसे लोगों ने याद रखा. इनमें से कुछ बजट अपनी खासियत की वजह से तो कुछ बजट अपनी खामियों की वजह से याद रखे गए. कुछ ने भारत की एक अच्छी तस्वीर बनाई, तो कोई ब्लैक बजट के नाम से जाना जाने लगा. आज हम ऐसे ही कुछ खास बजट के बारे में बात करते हैं.
काला बजट (Black Budget)
1973-74 के बजट को ब्लैक बजट के नाम से जाना जाता है. तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने इसे देश के सामने पेश किया था. इस बजट को ब्लैक बजट इसलिए कहा जाता है क्योंकि उस दौरान 550 करोड़ का घटा हुआ था. बजट में 56 करोड़ में बीमा कंपनियों, भारतीय कॉपर कारपोरेशन (Indian Copper Corporation) और कोल माइंस (Coal Mines) का नेशनलाइजेशन हुआ था, जिसका बजट पर काफी असर पड़ा था.
उदारीकरण बजट (Liberalised Budget)
1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने जो बजट पेश किया था, उसे उदारीकरण बजट के रूप में माना जाता है. उस बजट में विदेश की कंपनियों को भारत में कारोबार करने के लिए खुली छूट दे दी गई थी. यही से भारत के उदारीकरण के दौर की शुरुआत हुई थी. इसके बाद भारतीय कंपनियों का भी देश के बहार व्यापार करना आसान हो गया था.
ड्रीम बजट (Dream Budget)
1997 में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट पेश किया था. इस बजट को ड्रीम बजट कहा जाता हैं. ड्रीम बजट में वित्त मंत्री ने इनकम और कंपनी टैक्स में कटौती करने का ऐलान किया था. इसके साथ-साथ सरचार्ज को भी खत्म कर दिया गया था. इतना ही नहीं, ड्रीम बजट में ब्लैक मनी को बाहर लाने के लिए वॉलंटियरी डिसक्लोजर ऑफ इनकम स्कीम (VDIS) लाई गई.
मिलेनियम बजट (Millenium Budget)
साल 2000 में जो बजट पेश किया गया था, उस बजट को मिलेनियम बजट कहा जाता हैं. ये बजट तत्तकालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने देश के सामने पेश किया था. इस बजट में भारत की IT कंपनियों को काफी रियायत दी गई थी. 21 प्रोडक्ट्स जैसे कि कम्प्यूटर, सीडी रोम पर कस्टम ड्यूटी को कम करने का फैसला लिया गया था.
रोलबैक बजट (Rollback Budget)
2002 के बजट को रोलबैक बजट कहा जाता है. ये बजट पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने संसद में पेश किया था. इस बजट को पेश करने के बाद विपक्ष के दबाव की वजह से वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को कई प्रस्ताव वापस लेने पड़े थे. जिस वजह से इसको रोलबैक बजट कहते है. इस बजट में सर्विस टैक्स और LPG सिलिंडर समेत कई चीज़ों के दामों को बढ़ाया गया था.
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