बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14,000 करोड़ रुपये वाले कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर लगाई रोक
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन में कंस्ट्रक्शन की इजाज़त को रद्द कर दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन में कंस्ट्रक्शन की इजाज़त को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने आदेश में कहा कि इन्वायरनमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट नोटिफिकेशन के तहत इन्वायरनमेंटल क्लीयरेंस के बिना कंस्ट्रक्शन नहीं किया जा सकता. साथ ही वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भी मंजूरी लेना ज़रूरी है.
कोस्टल रोड नरीमन प्वाइंट के पास प्रिंस स्ट्रीट फ्लाइओवर से लेकर कांदिवली तक समुद्र को किनारे को पाटकर (रीक्लेम) कर सड़क बनाने की योजना है ताकि, दक्षिण मुंबई के बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट नरीमन प्वाइंट को मलाड़, कांदिवली, बोरीवली जैसे सबअर्बन इलाकों से सीधा सड़क मार्ग से जोड़ा जा सके.
अभी वेस्टर्न एक्सप्रेसवे के ज़रिए नरीमन प्वाइंट से कांदिवली, बोरीवली जैसे इलाके जुड़ते हैं. लेकिन ऑफिस से आने और जाने के समय (पीक टाइम) भारी ट्रैफिक रहता है. इस दूरी को अभी तय करने में 2 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है. लेकिन दावा है कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट बन जाने पर इस दूरी को तकरीबन आधे घंटे में तय किया जा सकेगा.
इसका फायदा ये भी होगा कि वेस्टर्न सबअर्बन के इलाकों से लोकल ट्रेनों और वेस्टर्न एक्सप्रेसवे पर बोझ घटेगा. यानी लोकल ट्रेनों में भीड़ कुछ कम होगी. जबकि वेस्टर्न एक्सप्रेसवे पर भी सफर करना आसान होगा. इससे पेट्रोल-डीजल की बचत होगी सो अलग.
तकरीबन 29 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 14,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. इस प्रोजेक्ट को देश की दो बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां HCC और L&T बना रही हैं. प्रोजेक्ट में कुल मिलाकर करीब 168 हेक्टेयर समुद्री किनारे को पाटकर रोड बनाने के लिए समतल किया जाना है. कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर काम बीते साल अक्टूबर से शुरू किया गया था. पहला भाग यानी प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाइओवर से वर्ली तक का काम 2022 के मध्य तक पूरा होना है.
जिसमें समुद्र किनारे रोड के अलावा गिरगांव चौपाटी और मलाबार हिल्स में अंडरग्राउंड टनेल के अलावा ब्रिज़ बनाना है. फेज़ 2 में बांद्रा के पास से लेकर कांदिवली तक के करीब 19 किमी कोस्टल रोड बनाई जानी है.