बिहार ने व्यापार मेले में सभी को छोड़ा पीछे, बेस्ट पवेलियन के लिए जीता गोल्ड मेडल
इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन द्वारा नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार अपना जलवा बिखेरने में कामयाब रहा है.
इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन द्वारा नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार अपना जलवा बिखेरने में कामयाब रहा है. इस मेले में बिहार पवेलियन को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पाया गया और बिहार पवेलियन को गोल्ड मेडल से पुरस्कृत किया गया. व्यापार मेला 14 नवंबर से 27 नवंबर के बीच आयोजित किया गया था. दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश और तीसरे स्थान पर उत्तराखंड रहे.
बिहार की पेटिंग्स से जीता दिल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बिहार के उद्योग निदेशक पंकज कुमार को गोल्ड मेडल दिया. इस साल बिहार को उत्कृष्ट पवेलियन का पुरस्कार दिया गया. बिहार की टिकुली कला को बहुत अधिक सराहा गया. इसके अलावा हमेशा की तरह मधुबनी पेटिंग और मंजूषा पेंटिंग ने भी लोगों को आकर्षित किया. इस बार व्यापार मेले की थीम 'रूरल एंटरप्राइज इन इंडिया' थी और इसमें बिहार पवेलियन का प्रदर्शन सबसे बेहतरीन रहा. बिहार पवेलियन में मुजफ्फपुर की लहटी और नवादा के जेवरात के अलावा लिट्टी-चोखा ने भी सबका ध्यान अपनी ओर खूब खींचा.
टिकुली का अर्थ है माथे पर लगाई जाने वाली बिंदी और इसी से जन्म हुआ है टिकुली कला का. आमतौर पर टिकुली कला मधुबनी पेंटिंग से सस्ती बिकती है, लेकिन इसका आकर्षण मधुबनी पेंटिंग से कम नहीं होता है. एक समय में ये कला गुम हो गई थी, लेकिन हाल के वर्षों में इसे लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है. इस कला से महिलाओं को आमदनी का एक अतिरिक्त जरिया मिला है. इसी तरह मंजूषा आर्ट को भी बहुत अधिक सराहा गया. ये मुख्य रूप से भागलपुर की सांस्कृतिक धरोहर है. मंजूषा कला एक श्रृंखलाबद्ध चित्रकला पद्धति है और उम्मीद है कि व्यापार मेले में इसकी सराहना से इन पेटिंग का बाजार बड़ा होगा.