बिहार विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती का काम चल रहा है. चुनाव आयोग का कहना है कि मतगणना देर रात तक चलेगी. अभी तक बहुत कम सीटों के फाइनल नतीजे सामने आए हैं.

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जो नतीजे आए हैं उनमें बीजेपी (BJP) 4 सीटें जीत चुकी है जबकि, 69 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस (Congerss) की झोली में एक सीट आ चुकी है और यह 20 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. राष्ट्रीय जनता दल दो सीट जीतकर 72 पर बढ़त बनाए हुए है. नीतीश कुमार की जनता दल-यू (JDU) भी दो सीट जीत कर 40 सीटों पर आगे चल रही है. जेडीयू को पिछले विधान सभा चुनाव में 71 सीटें मिली थीं. 

जीत के लिए 243 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को 122 सीट का आंकड़ा चाहिए. 

पूरे बिहार में दो दर्जन से ज्यादा ऐसी सीट हैं जहां एनडीए (NDA) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. सभी पलड़ा इस तरफ तो कभी उस तरफ झुकता दिखाई देने से सारे चुनावी समीकरण बार-बार बदल रहे हैं.

अभी तक एनडीए सत्ता की दौड़ में महागठबंधन (Grand Alliance) से आगे चल रहा था, लेकिन शाम होते-होते कई सीटों में पर महागठबंधन के प्रत्याशियों ने ऐसी बढ़त बनाई कि दोनों ही गठबंधन नजदीक पहुंच गए. इस समय एनडीए 123 सीटों पर आगे चल रहा है तो महागठबंधन 113 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. 

बीजेपी सबसे पड़ी पार्टी

243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में बीजेपी सबसे ज्यादा 63 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. बीजेपी को पिछली बार 53 सीटें मिली थीं. इस पूरे चुनाव में बीजेपी को फायदा मिलता दिखाई दे रहा है. बीजेपी की बढ़त ने सभी दलों का चुनावी समीकरण बिगाड़ कर रख दिया है. इन चुनावों में बीजेपी ने 121 सीटों पर और जदयू ने 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी. चुनाव प्रचार की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद संभाले हुए थे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम दिग्गज नेता बिहार के चुनावी मैदान में एनडीए के पक्ष में चुनावी रैली करते नजर आए.

देर रात तक चल सकती है मतगणना

चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना में सामान्य से अधिक समय लगेगा और यह देर रात तक चलेगी, क्योंकि इस बार 63 प्रतिशत अधिक ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है. 

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि तीन चरणों में हुए चुनाव में करीब 4.16 करोड़ मत पड़े थे. बिहार में कुल करीब 7.3 करोड़ मतदाताओं में से 57.09 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया.

कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पालन के लिए आयोग ने 2015 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी थी. इससे पहले, 2015 चुनाव में करीब 65,000 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 1.06 लाख कर दिया गया था. इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भी अधिक इस्तेमाल करनी पड़ीं.