केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए पहचान पत्र के रूप में आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल की अनुमति देने के वास्ते अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दे दी है.

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यह अध्यादेश इसलिए जरूरी था कि 4 जनवरी को लोकसभा में इससे संबंधित संशोधनों को पारित करने के बावजूद इससे जुड़ा विधेयक राज्यसभा में अटक गया था. ऐसे में लोकसभा भंग होने के बाद यह निष्प्रभावी हो जाता.

इस अध्यादेश से आधार अधिनियम में संशोधन प्रभावी हो जाएंगे. केंद्रीय सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल ने आधार एवं अन्य कानूनों में संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान है. प्रसाद ने कहा, "टेलीग्राफ अधिनियम एवं धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आधार का इस्तेमाल स्वैच्छिक तौर पर केवाईसी के लिए किया जा सकता है. आधार का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को निजता से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा."