आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डूओं में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद काफी विवाद हो रहा है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इस विवाद के बीच डेयरी कॉपरेटिव अमूल ने बयान जारी किया है. अमूल ने कहा है कि कंपनी ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को कभी भी घी की आपूर्ति नहीं की है. सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि अमूल घी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में सप्लाई किया जा रहा है.

अमूल ने कहा- 'शुद्ध दूध के फैट से बनाया जाता है अमूल का घी'

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अमूल ने बयान में कहा,'अमूल घी का प्रोडक्शन अत्याधुनिक उत्पादन केंद्रों में होता है जो ISO प्रमाणित हैं. अमूल घी उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध दूध के फैट से बनाया जाता है. कंपनी ने यह भी बताया कि उनके डेयरियों में आने वाला दूध FSSAI द्वारा निर्धारित सभी कड़े गुणवत्ता जांचों से गुजरता है, जिसमें मिलावट का पता लगाना भी शामिल है. अमूल घी 50 से अधिक वर्षों से भारत का सबसे विश्वसनीय घी ब्रांड है और भारतीय घरों का एक अभिन्न हिस्सा बना हुआ है. आपके पास कोई शिकायत है तो टोल फ्री नंबर 1800 258 333 पर संपर्क करें.'

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में बीफ की चर्बी की पुष्टि

एनडीडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति मंदिर में लडडूओं का प्रसाद तैयार किया जाता है, उसमें बीफ की चर्बी, जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला है. ये सब कुछ उस घी में मिला है, जिससे लड्डू तैयार किया जाता है. हैरान करने वाली बात यह है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं को ना सिर्फ श्रद्धालुओं को बांटा गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता रहा. तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू चढ़ाया जाता है। जिसका संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थान यानी टीटीडी करता है. 

सीएम चंद्रबाबू नायडू ने लगाया था ये आरोप

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने विधायक दल की बैठक में यह आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआरसीपी के नेतृत्व वाली जगनमोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति के श्रीवेंकटेश्वर मंदिर में पवित्र प्रसाद लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया. उन्होंने कहा था कि पिछले पांच सालों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमला की पवित्रता को कलंकित करने का काम किया.