शादी की चाहत रखने वालों के लिए कमाल है केंद्र सरकार की ये स्कीम, इंटरकास्ट मैरिज करने पर मिलते हैं 2.5 लाख रुपए
लोगों के बीच जाति की इस सीमा को तोड़ने और इंटरकास्ट मैरिज को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से स्कीम चलाई जाती है. इस योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वाले नव दंपति को सरकारी की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाती है.
आज समय में लोग जरूर शिक्षित हो गए हैं, लेकिन इंटरकास्ट शादी को लेकर आज भी तमाम लोगों की सोच संकीर्ण ही है. 21वीं सदी में भी लोगों की ऐसी सोच वास्तव में चिंतित करने वाली है. हालांकि समय के साथ युवाओं की सोच में जरूर बदलाव देखने को मिल रहा है. लोगों के बीच जाति की इस सीमा को तोड़ने और इंटरकास्ट मैरिज को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से स्कीम चलाई जाती है. इस योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वाले नव दंपति को सरकारी की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाती है.
जानिए क्या है स्कीम
इस योजना को डॉक्टर अंबेडकर फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है. इस योजना के तहत अगर कोई ऐसा युवक या युवती जो दलित समुदाय में नहीं आता, लेकिन दलित से अंतरजातीय विवाह करता है तो उसे केंद्र सरकार की तरफ से ढाई लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है. ये आर्थिक मदद 'डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज' स्कीम के तहत दी जाती है. इस स्कीम की शुरुआत क्रांग्रेस सरकार ने साल 2013 में की थी, लेकिन ये आज भी सरकार द्वारा चलाई जा रही है.
ये हैं शर्तें
- विवाह करने वाले कपल में एक दलित समुदाय और दूसरा दलित समुदाय से बाहर का होना चाहिए.
- योजना का लाभ तभी मिल सकता है जब कपल ने अपनी शादी को हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत रजिस्टर करवाया हो.
- केवल पहली शादी करने पर ही इस स्कीम का फायदा लिया जा सकता है. दूसरी शादी करने पर इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है.
- आवेदन भरकर शादी के एक साल के अंदर डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेजना होता है.
- अगर अंतरजातीय विवाह करने पर नवदंपति को केंद्र सरकार या राज्य सरकार की तरफ से किसी तरह की आर्थिक सहायता पहले मिल चुकी है, तो उस राशि इस ढाई लाख रुपए की धनराशि से घटा दिया जाएगा.
कैसे करें आवेदन
केंद्र सरकार की इस स्कीम का लाभ लेने के लिए अगर आप भी पात्र हैं तो आपको इसका लाभ लेने के लिए अपने क्षेत्र के सांसद या विधायक की सिफारिश के साथ आवेदन को भरने के बाद डॉ अंबेडकर फाउंडेशन में भेजना होगा. आप इस आवेदन को जिला प्रशासन या राज्य सरकार के पास भी भेज सकते हैं. इसके बाद जिला प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से उसे डॉ अंबेडकर फाउंडेशन में भेज दिया जाता है. अधिक जानकारी के लिए आप http://ambedkarfoundation.nic.in/ पर जा सकते हैं. वेबसाइट में स्कीम्स सेक्शन में आपको इस स्कीम से जुड़ी जानकारी मिल जाएगी. आवेदन करने के लिए फॉर्म भी यहां से मिल जाएगा.
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
- हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत शादी रजिस्टर करने के बाद जारी मैरिज सर्टिफिकेट होना जरूरी है.
- आवेदन के साथ कपल में से जो भी दलित समुदाय का है, उसका जाति प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य है.
- ऐसा डॉक्यूमेंट भी लगाना होगा, जिससे ये पता चले कि कपल की पहली शादी है.
- आवेदन के साथ कानूनी रूप से विवाहित होने का हलफनामा जरूरी है.
- आय प्रमाण पत्र और जॉइंट बैंक अकाउंट की डीटेल्स देना जरूरी है.
कई राज्य सरकारें भी चला रही हैं स्कीम
बता दें कि अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ केंद्र सरकार की ओर से ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारों की ओर से भी स्कीम चलाई जा रही है. हरियाणा सरकार की ओर से अंतर्जातीय विवाह योजना हरियाणा के तहत प्रदेश के युगल को दलित से अंतर्जातीय विवाह करने पर ढाई लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है. उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इस योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े को सरकार की तरफ से 50000 रुपए और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर फंड के तहत 2.5 लाख रुपए की राशि दी जाती है. वहीं राजस्थान सरकार की ओर से इस योजना के तहत 5 लाख की सहायता दी जाती है जिसमें से 3 लाख 75 हजार रुपए राज्य सरकार और 1 लाख 25 हजार रुपए केंद्र सरकार प्रदान करती है.