Amarnath Yatra 2022: बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन आज से शुरू हो चुका है. यह यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त, 2022 तक चलेगी.कोरोना महामारी को लेकर जारी पाबंदियों के चलते पिछले दो साल से अमरनाथ यात्रा (Shri Amarnath Yatra) पर रोक लगी हुई थी.

30 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा

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बोर्ड के मुताबिक इस बार यात्रा (Shri Amarnath Yatra) 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त, 2022 तक जारी रहेगी. यह यात्रा 43 दिनों की होगी. इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. 

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

अमरनाथ यात्रा 2022 में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट Shriamarnathjishrine.com पर विजिट करें. यहां होम पेज पर 'Click here to Register Online' पर क्लिक करें. इसके बाद एक नया पेज खुलेगा, जहां आपको रजिस्ट्रेशन लिंक मिलेगा. इसके बाद सभी जरूरी निर्देशों का पालन करते हुए आप आवश्यक डीटेल्स भरकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

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ये हैं जरूरी डॉक्यूमेंट्स

Amarnath Yatra 2022 में रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आपको एक एप्लिकेशन फॉर्म भरना होता है. इसके साथ ही आपको हेल्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और चार पासपोर्ट साइज फोटो चाहिए होता है.

पिछले 2 साल से बंद थी यात्रा

कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से यह यात्रा बंद थी. अब महामारी के केस काफी कम होने के बाद लोग इस यात्रा के फिर से शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (Shri Amarnath Shrine Board) ने यात्रा की तारीखों की घोषणा कर बाबा के भक्तों को खुश होने का मौका दे दिया है.

इस साल ज्यादा हो सकती है यात्रियों की संख्या

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मार्ग में पर्याप्त संख्या में शौचालय, वाटर कूलर लगाने के निर्देश दिए गए हैं. कोविड-19 महामारी के कारण, 2020 और 2021 में अमरनाथ यात्रा प्रतीकात्मक आधार पर आयोजित की गई थी. इसलिए उम्मीद की जा रही है पिछले वर्षों की तुलना में इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक हो सकती है.

श्री अमरनाथ गुफा का दर्शन करते हैं लोग

बता दें कि श्री अमरनाथ गुफा (Shri Amarnath Yatra) कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में हैं. मान्यता है कि वहां पर भगवान शिव (Lord Shiva) ने माता पार्वती को अमर होने की रहस्यकथा सुनाई थी. जिसे वहां गुफा में मौजूद 2 कबूतरों ने सुन लिया था. बर्फ से लदी पहाड़ों की चोटी पर बनी एक गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है, जिसके दर्शनों के लिए लाखों लोग वहां पहुंचते रहे हैं.