AIIMS Bhubaneswar: कई बार ऐसा होता है कि समय से दवा नहीं पहुंचने के कारण मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता. इसके साथ ही बेहतर सेवाएं नहीं मिल पाने के कारण कई बार मरीजों की मौत भी हो जाती है. लोगों को सयम पर इलाज मिल पाएं और गांव-कस्बे तक मरीजों को दवाइयां पहुंचाई जा सके. इसका बेस्ट तरीका एम्स ने निकाला है. दरअसल भुवनेश्वर  एम्स ने मंगलवार को सफल ड्रोन ट्रायल किया है. इस ड्रोन से करीब 120 किलोमीटर तक लोगों को दवाईयां पहुंचाई जाएगी.

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2 किलोग्राम तक भेजे गए ब्लड

एम्स भुवनेश्वर ने मंगलवार को ओडिशा में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए ड्रोन के उपयोग का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया है. ड्रोन ने एम्स भुवनेश्वर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तांगी तक लगभग 2 किलोग्राम वजन तक जरुरी ब्लड बिनी किसी समस्या के ड्रोन से भेजे गए. ड्रोन से आवश्यक ब्लड भेजने में करीब 1 घंटा 10 मिनट का समय गया. इस मौके पर एम्स भुवनेश्वर के निदेशक आशुतोष बिस्वास मौजूद थे.  

अब समय पर मरीजों को मिलेगी मेडिसिन

एम्स भुवनेश्वर के निदेशक आशुतोष बिस्वास ने कहा, हमारे संस्थान का मकसद लोगों की आवश्यकता पूरी करना है.  हमारे संस्थान का मकसद कम समय में समय रहते लोगों की सेवा करना है.  ड्रोन डिलीवरी को शामिल करने से ग्रामीण, आदिवासी और अर्ध-शहरी स्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिल सकता है. ये ड्रोन वैक्सीन, आवश्यक दवाओं और सैंपल सहित कई हेल्थ प्रोजक्ट को ले जा सकते हैं. एक हेल्थकेयर प्रोवाइडर के रूप में एम्स भुवनेश्वर को लोगों की मदद करने का मौका मिला है.

प्राकृतिक आपदा के दौरान मिलेगी मदद

एम्स भुवनेश्वर के निदेशक आशुतोष बिस्वास ने कहा, ड्रोन सेवा किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान आपातकालीन चिकित्सा, ब्लड सैंपल, ब्लड प्रोडक्ट आदि जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. यह ड्रोन  5 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है और 160 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकता है. यह MoHFW के तहत प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) की एक पहल के अनुसार है, जो कि दुर्गम भौगोलिक इलाकों या बाढ़ वाले क्षेत्रों जैसे दुर्गम क्षेत्रों में  रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाता है.