Edible Oil की स्टॉक लिमिट तय करने के बाद अब जमाखोरों पर कार्रवाई, इन राज्यों में मारे जा रहे हैं छापे
Surprise inspections in Eight States: 30 अप्रैल तक लगातार छापेमारी की ये कार्रवाई होगी. वहीं टीमें तेल, तिलहनों के स्टॉक और पोर्टल पर जारी सूचनाओं से मिलान भी करेगी. गड़बड़ी का पता चलने पर कानून कार्रवाई भी की जाएगी. अभी तेलंगाना के रंगारेड्डी, हैदराबाद, लखनऊ, रायबरेली, कोलकाता, हुगली में कार्रवाई चल रही है.
एक्ट का उल्लंघन करने पर EC एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. (फाइल फोटो: पीटीआई)
एक्ट का उल्लंघन करने पर EC एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. (फाइल फोटो: पीटीआई)
Surprise inspections in Eight States: Edible Oil यानी खाने के तेल की कीमतों को लेकर सरकार काफी गंभीर है. इनकी स्टॉक लिमिट तय करने के बाद अब जमाखोरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई के लिए केंद्र ने 8 टीमें बनाई हैं. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में औचक निरीक्षण और छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. आपको बता दें कि तेल और तिलहनों की स्टॉक लिमिट को सरकार ने 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है.
इन राज्यों में हो रही छापेमारी
30 अप्रैल तक लगातार छापेमारी की ये कार्रवाई होगी. वहीं टीमें तेल, तिलहनों के स्टॉक और पोर्टल पर जारी सूचनाओं से मिलान भी करेगी. गड़बड़ी का पता चलने पर कानून कार्रवाई भी की जाएगी. अभी तेलंगाना के रंगारेड्डी, हैदराबाद, लखनऊ, रायबरेली, कोलकाता, हुगली में कार्रवाई चल रही है. वहीं राजस्थान के अलवर में भी केंद्रीय टीम की कार्रवाई जारी है.
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इसके अलावा मध्यप्रदेश के उज्जैन और इंदौर, महाराष्ट्र के नवी मुंबई, थाणे और उप नगरों में भी छापेमारी की चल रही है. बड़े स्टॉकिस्ट, मिलर और इंपोटर्स पर ये कार्रवाई की जा रही है.
EC एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई
सिंगल ऑर्डर के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस साल तक खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए स्टॉक सीमा बढ़ा दी गई है. अभी 8 राज्यों के सलेक्टेड जिलों में जमीनी स्तर पर एक्शन लिए जा रहे हैं. रिटेलर्स, होलसेलर्स, बड़े चेन और प्रोसेसर्स पर सरकार की पैनी निगाहे हैं. एक्ट का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ EC एक्ट के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ऑल टाइम हाई पर कीमतें
फिलहाल खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन देश में मांग को पूरा नहीं कर सकता. मांग और सप्लाई के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए देश को बड़े पैमाने पर इसका आयात करना पड़ता है. देश में खपत होने वाले खाद्य तेल का लगभग 56 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है. वहीं हाल की भू-राजनीतिक (Geo-political) घटनाओं से भी इनकी अंतरराष्ट्रीय कीमतें ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई हैं.
इसलिए घरेलू बाजार में इंस्पेक्शन की जरूरत महसूस की गई जिससे यह एनश्योर किया जा सके कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी जैसे अनैतिक तत्वों द्वारा कोई अनुचित काम नहीं किया जा रहा है. सरकार द्वारा नोटिफाई स्टॉक लिमिट आदेश, केंद्र सरकार और सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण और वितरण को रेगुलेट करने का अधिकार देता है.
औचक निरीक्षण से सरकार देश में खाद्य तेलों और तिलहनों की जमाखोरी को रोकने में मदद करना चाहती है. वहीं वह यह सुनिश्चित करना है कि खाद्य तेलों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर न जाएं.
09:16 PM IST