हाल ही में दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने सलाह दी थी कि देश के युवा को हर रोज करीब 12 घंटे काम करना चाहिए, ताकि भारत तेजी से तरक्की कर सके. उन्होंने कहा था कि जब युवा हफ्ते में 70 घंटे काम (Working Hours) करेंगे, तभी भारत आगे निकल पाएगा. उन्होंने यह बातें पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के लिए इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई से बात करते हुए कहीं. अब JSW Group के चेयरमैन Sajjan Jindal ने भी नारायण मूर्ति की उस बात का समर्थन करते हुए अपनी बात कही है. 

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सज्जन जिंदल ने कहा है कि यहां बात डेडिकेशन यानी काम के लिए लगाव की हो रही है. हमें भारत को एक इकनॉमिक सुपर पावर बनाना होगा, जिस पर हम 2047 में गर्व कर सकें. बता दें कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि अगले 25 सालों में भारत की जीडीपी 3.5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 35 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी. 2047 तक भारत एक विकसित देश बन जाएगा.

पीएम मोदी रोज 14-16 घंटे करते हैं काम

उन्होंने आगे कहा है कि 5 दिन काम करने का कल्चर वह नहीं है, जो हमारे जैसे विकासशील देश को चाहिए. हमारे पीएम नरेंद्र मोदी हर रोज 14-16 घंटे काम करते हैं. मेरे पिता हफ्ते के सातों दिन 12-14 घंटे काम करते थे. मैं हर रोज 10-12 घंटे काम करता हूं. हमें इस देश को बनाने और अपने काम को करने में पैशन ढूंढना होगा. हमारी परिस्थितियां यूनीक हैं और जो चुनौतियां हम झेल रहे हैं वह विकसित देशों से अलग हैं. वह हफ्ते में 4-5 दिन काम कर रहे हैं, क्योंकि उनसे पहले की जनरेशन ने देर-देर तक काम किया है. हम कम कार्य सप्ताह को अपना मानक नहीं बनने दे सकते हैं.

भारत की सबसे बड़ी ताकत है युवा. सुपरपावर बनने की हमारी यात्रा में इस जनरेश को आराम के बजाय काम को प्राथमिकता देनी चाहिए. हम जैसे-जैसे तरक्की करते जाएंगे, आराम के मौके आते जाएंगे और 2047 का युवा हमारे बलिदान और प्रतिबद्धाता का फायदा उठा सकेगा.

क्या कहा था नारायण मूर्ति ने?

नारायण मूर्ति ने कहा था कि मौजूदा वक्त में भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है. यहां हमारा मुकाबला सबसे ज्यादा चीन से है और ऐसे में युवाओं को अतिरिक्त घंटे काम करना होगा. जापान और जर्मनी ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद कुछ ऐसा ही किया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को भी भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में अहम कदम उठाने होंगे. अगर हमें प्रगतिशील देशों से मुकाबला करना है तो नौकरीशाही को बेहतर बनाना होगा. वह बोले कि युवाओं को कहना चाहिए ये मेरा देश है और मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करूंगा. उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, लेकिन देश के लोगों को आगे बढ़कर योगदान देना होगा. जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, तब तक बेचारी सरकार क्या कर सकती है.

नारायण मूर्ति बोले कि वर्क प्रोडक्टिविटी के मामले में चीन एक जीता-जागता उदाहरण है, जहां लोग भारत की तुलना में अधिक देर काम करते हैं. देश के सभी युवाओं से उन्होंने आग्रह किया है कि इसे महसूस करें और अगले 20-50 सालों तक दिन में 12 घंटे काम करें, ताकि भारत जीडीपी के मामले में नंबर-1 या 2 बन जाए. 

नारायण मूर्ति ने सुनाया एक दिलचस्प किस्सा

टेक्नोलॉजी की उपलब्धता बताते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि एक उनके रसोइया ने कहा कि सर आपका डायबिटीज से बचाने वाला आटा खत्म होने वाला है, तो अभी ऑर्डर करना होगा. इस पर मूर्ति ने उसे अपने पास बैठा कर अमेजन से ऑर्डर किया. वह बोले मेरा रसोइया युवा है और ओडिशा से है, उसे ऑनलाइन ऑर्डर के बारे में पता है, उसे पता है कि 2 महीने के लिए कितना आटा चाहिए और उसने तुरंत ऑर्डर कर दिया. इससे समझ आता है कि तकनीक कितनी आगे बढ़ चुकी है. पहले के जमाने में राशन खरीदने के लिए दूर जाना पड़ता थ, लेकिन आज सब कुछ सिर्फ एक क्लिप पर उपलब्ध है. मूर्ति ने कहा कि जब उन्होंने आटा ऑर्डर किया तो रात के 10 बज रहे थे, जबकि पुराने जमाने में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.