PMJAY के तहत दूसरी बार इलाज करवाने के लिए अनिवार्य हो सकता है आधार, सरकार कर रही है विचार
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरी बार लाभ उठाने जा रहे लोगों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया जा सकता है.
नई दिल्ली : हाल ही में मोदी सरकार द्वारा लॉन्च की गई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत पहली बार इलाज करवाने वालों के लिए आधार अनिवार्य नहीं है. उनका काम राशन कार्ड या वोटर कार्ड जैसे दस्तावेजों से ही चल सकता है. हालांकि, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरी बार लाभ उठाने जा रहे लोगों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया जा सकता है. नेशनल हेल्थ एजेंसी के सीईओ इंदु भूषण के अनुसार, अगर आधार नंबर उपलब्ध नहीं है तो PMJAY स्कीम के तहत दूसरी बार लाभ उठाने वालों को कम से कम इस बात के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे कि उन्होंने आधार के लिए पंजीकरण करवाया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किया जा रहा है अध्ययन
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था कि आधार योजना संवैधानिक तौर पर मान्य है. इसके बाद ही आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरी बार लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की चर्चा शुरू हो गई है. भूषण ने कहा कि अभी हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं. आयुष्मान भारत के तहत दूसरी बार इलाज कराने जा रहे लोगों को आधार संख्या या कम से कम इस बात का सबूत कि उसने इसके लिए आवेदन किया है का दस्तावेज देना होगा. उन्होंने बताया कि पहली बार PMJAY के तहत इलाज करवाने वालों को आधार या दूसरा कोई भी पहचान पत्र जैसे वोटर कार्ड आदि प्रदर्शित करना होगा.
23 सितंबर 2018 को शुरू होने के बाद से 47,000 लोग उठा चुके हैं PMJAY का लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत झारखंड से की थी. इसकी शुरुआत के बाद से अबतक 47,000 से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा चुके हैं. नेशनल हेल्थ एजेंसी के डिप्टी सीईओ दिनेश अरोड़ा के अनुसार, अबतक 92,000 लोगों को गोल्ड कार्ड दिया गया है. गौरतलब है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को विश्व के सबसे बड़े हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम के तौरपर पेश किया गया है.
क्या है प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
इस स्कीम के तहत सरकार प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कवर उपलब्ध करा रही है. इससे तकरीबन 10.74 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ होगा. इसके लाभार्थि इस योजना के तहत पैनल में शामिल किसी भी सरकारी और निजी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज करवा सकते हैं.