रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्‍वेस्‍टर्स सर्विस ने आधार कार्ड को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उसने आधार कार्ड की विश्‍वसनीयता पर सवाल उठाए थे. लेकिन अब भारत सरकार की ओर से मूडीज की रिपोर्ट में किए गए सभी दावों को खारिज कर दिया गया है. सरकार ने मूडीज के दावों को निराधार बताया है और आधार को दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी बताया है.

जानिए क्‍या है पूरा मामला

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दरअसल मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आधार सिस्टम में गड़बड़ियों की वजह से आधार का बॉयोमेट्रिक उन जगहों पर काम नहीं करता, जहां का मौसम या क्लाइमेट गर्म है. इस पर भारत सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और आईटी मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि आधार दुनिया में सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी है और इस पर मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की राय आधारहीन है.

बयान में सरकार की ओर से कहा गया है कि आधार को लेकर जो रिपोर्ट पेश की गई है, उसमें बिना किसी सबूत के आधार को लेकर दावे किए गए हैं. रिपोर्ट में किसी तरह के डेटा या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गया है. तथ्‍यों का पता लगाने का प्रयास भी नहीं किया गया. यहां तक कि आधार संख्‍या की जानकारी भी गलत दी गई है. बयान के मुताबिक, रिपोर्ट में एकमात्र संदर्भ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की वेबसाइट का है.

रिपोर्ट में गलत तरीके से जारी किए गए आधारों की संख्या 1.2 बिलियन बताई गई है. हालांकि वेबसाइट प्रमुखता से आधार संख्याएं देती है.पिछले एक दशक में एक अरब से ज्यादा भारतीयों ने आधार पर अपना भरोसा व्यक्त किया है. इसके अलावा भारतीयों ने 100 अरब से ज्यादा बार आधार की मदद से खुद को वेरिफाई किया. 

सरकार ने ये भी कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने आधार की भूमिका की सराहना की है. कई देश भी आधार प्राधिकरण के साथ यह समझने के लिए जुड़े हुए हैं कि वे इसी तरह की डिजिटल आईडी प्रणाली कैसे विकसित कर सकते हैं. अपने बयान में सरकार ने आधार को लेकर मूडीज की रिपोर्ट में किए गए दावों केा पूरी तरह से बेबुनियाद बताया.

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