डिजिटल सुरक्षा कंपनी जेमाल्‍टो ने कहा है कि आधार से किसी भी भारतीय का डाटा चोरी नहीं हुआ है. 2018 की पहली छमाही में 1 अरब भारतीयों का बैंक डिटेल, नाम-पते व अन्‍य जानकारी चोरी होने की बात सही नहीं है. कंपनी ने कहा कि उसने गलत रिपोर्ट दी थी. कंपनी के इस खुलासे से भारत में तहलका मच गया था. जेमाल्‍टो ने कहा कि आधार का डाटा चोरी होने की जांच में ऐसा कोई तथ्‍य नहीं मिला है. इसलिए वह अपनी रिपोर्ट को खुद ही खारिज करता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ब्रीच लेवल इंडेक्स रिपोर्ट 2018 पर खेद

कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘जेमाल्टो अपनी ‘ब्रीच लेवल इंडेक्स रिपोर्ट 2018’ पर खेद जताती है और इस बारे में 15 अक्टूबर को जारी प्रेस विज्ञप्ति को वापस लेती है.’’ जेमाल्टो ने कहा कि यह उसकी गलती रही कि उसने आधार डाटा सेंधमारी पर एक समाचार का बिना जांचे परखे भरोसा किया.’’ पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में आधार डाटा के जरिये एक अरब रिकॉर्ड की सेंधमारी की गई. जेमाल्टो ने कहा कि उसने इस रिपोर्ट (Breach Level Index Report 2018) को ‘अपडेट’ किया है और वह स्पष्ट करना चाहती है कि इस रिपोर्ट में हुई गलती को ठीक कर लिया गया है.

UIDAI को असुविधा के लिए हमें खेद

कंपनी ने बपने बयान में कहा है कि सभी संबंधित इकाइयों को इस बात पर गौर करना चाहिए कि हम UIDAI के आधार डाटाबेस में सेंधमारी की घटना को सत्‍यापित करने में सक्षम नहीं रहे. परिणामस्‍वरूप, जेमाल्‍टो अपनी रिपोर्ट को वापस लेती है. इससे UIDAI को हुई किसी भी तरह की असुविधा के लिए हमें खेद है.

पहली छमाही में वैश्विक स्‍तर पर 945 डेटा सेंधमारी

अपनी रिपोर्ट में जेमालटो ने दावा किया था कि 2018 की पहली छमाही में वैश्विक स्‍तर पर 945 डेटा सेंधमारी हुई जिसमें तकरीबन 4.5 अरब डाटा रिकॉर्ड  लीक हुए. इनमें से 1 अरब डाटा भारत के थे. इसमें सुधार करते हुए जेमाल्‍टो ले कहा है कि पहली छमाही के दौरान डाटा सेंधमारी की 944 घटनाएं हुईं जिनके तहत तकरीबन 3.2 अरब डाटा रिकॉर्ड लीक हुए.