Sukhoi-Mirage Fighter Plane: मुरैना में एक सुखोई- 30 (Sukhoi-30) और एक मिराज 2000 (Miraj 2000) एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया है. सुखोई-30 और मिराज 2000 ने ग्वालियर एयर बेस से उड़ान भरी थी. यहां एक अभ्यास चल रहा था. इस हादसे में दो पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.  ग्वालियर एयरबेस से उड़े दो फाइटर प्लेन सुखोई-30 और मिराज-2000 एयरक्रॉफ्ट आपस में टकराकर क्रैश हो गए. जानकारी के मुताबिक दोनों फाइटर जेट (Fighter Jet)  टकराने के बाद दो अलग-अलग जगहों पर गिरे.भारतीय वायुसेना (IAF) ने मुरैना विमान हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. दुर्घटनाग्रस्त सुखोई-30 में दो और मिराज 2000 में एक पायलट सवार था. वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं. मुरैना हादसे की जांच में विमान के क्रैश होने के कारणों का पता लगाया जाएगा.

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दो पायलट गंभीर रुप से घायल, 1 की मौत इस हादसे में शिकार दोनों फाइटर जेट के पायलट का अभी कोई सुराग नहीं मिला है. उनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. बताया जा रहा है कि विमान आपस में टकरा गए जिसके बाद भयंकर आग लग गई. विमान में मौजूद 2 पायलट गंभीर रूप से घायल हैं. हादसे की जानकारी मिलते ही रक्षा विभाग एक्शन मोड में है और सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सेना के साथ ही स्थानीय पुलिस भी सर्च ऑपरेशन में मदद कर रही है. फिलहाल घायल दोनों पायलट को निकाल लिया गया है और उनका इलाज चल रहा है और एक की मौत हो गई है.

जानिए मिराज-2000 के बारे में...

मिराज-2000 भारतीय वायुसेना का सबसे घातक एयरक्राफ्ट है. इसे 1985 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. इस विमान ने 1999 में हुए कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाते हुए, भारतीय सेना को जीत दिलाई थी. वहीं वायुसेना ने इसे वज्र नाम भी दिया है. साल 2004 में भारत सरकार ने 10 और मिराज ऑर्डर किए थे, इसके बाद भारत के पास कुल 51 मिराज-2000 फाइटर जेट है. वे विमान फ्रांस में तैयार हुए है. साल 2019 में पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की थी.

जानें मिराज-2000 की ताकत

  • मिराज-2000 फाइटर जेट दुशमन के किसी भी इलाके में घुसकर तबाही मचा सकता है.
  • इसकी स्पीड 2465 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसका मतलब आप आंख झपकेंगे और आपके सामने से वो गायब. पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर इसी से हमला किया गया था.
  • यह फाइटर जेट किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है.
  • मिराज-2000  करीब 1400 किमी दूरी तक बैठे दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है.
  • एक बार में टैंक फुल होने पर यह 1550 किमी तक का सफर कर सकता है.
  • मिराज-2000 लेजर गाइडेड बम, एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मिसाइल को रख सकता है.
  • भारत के अलावा फ्रांस, यूएई, ताइवान, इजिप्ट आदि देश इसका इस्तेमाल करते हैं. 

जानिए सुखोई 30 के बारे में...

  • सुखोई-30 MKI को भारतीय वायुसेना का रीढ़ माना गया है.
  • इस विमान को भारत की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड रूस के साथ मिलकर बनाती है.
  • भारत के पास 250 से ज्यादा सुखोई-30 लड़ाकू विमान है.
  • ये विमान  ब्रह्मोस मिसाइल को फायर करने में भी सक्षम है.

सुखोई-30 एमकेआई फाइटर प्लेन की ताकत

  • सुखोई-30 की मारक क्षमता 3000 किलोमीटर है. ये हवा में उड़ाई के दौरान भी फ्यूल भर सकता है.
  • भारतीय वायुसेना का ये लड़ाकू विमान सबसे नई तकनीक से पूरी तरह लैस है. ये हवा और जमीन में तेजी से हमला करता है.
  • इस विमान में दो इंजन लगे हुए है. अगर युद्ध के दौरान एक इंजन काम करना बंद करता है, तो दूसरा इंजन हमेशा तैयार रहता है.
  •  ये लड़ाकू विमान 2100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ता है.