77th Independence Day: पूरा देश आजादी की 77वीं वर्षगांठ मना रहा है. हर साल की तरह इस साल भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लाल किले के प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराने वाले हैं. इस मौके पर करीब 3000 लोगों को न्यौता दिया गया है. आजादी की पूर्व संध्या पर देश की सभी सरकारी और गैर-सरकारी बिल्डिंगों को तिरंगे की रौशनी से नहाया हुआ देखा जा रहा है. देश के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE भी इस मौके पर तिरंगे की रौशनी से सराबोर दिखे. 

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा, "हमारे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, आइए हम अपने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और योगदान को याद करें, जिन्होंने एक संप्रभु और समृद्ध भारत की कल्पना की थी. अग्रणी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में, हम एक पुनरुत्थानवादी भारत की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए परिवर्तन, वृद्धि और विकास के शिखर पर खड़े हैं. NSE ने हमेशा से अपना ध्यान पूंजी बाजार निर्माण, राष्ट्र निर्माण और रोजगार सृजन पर केंद्रित किया है और निवेशकों को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रहेगा. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं."

 

 

G20 को लेकर राष्ट्रपति ने कही ये बात

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नाम अपने संबोंधन में G-20 समूह की भारत की अध्यक्षता का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने न केवल विश्व मंच पर अपना यथोचित स्थान बनाया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अपनी प्रतिष्ठा को भी बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि अपनी यात्राओं और प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान मैंने अपने देश के प्रति उनमें एक नए विश्वास और गौरव का भाव देखा है.

मुर्मू ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में विकास लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा उसने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अग्रणी स्थान बनाया है एवं जी-20 देशों की अध्यक्षता का दायित्व भी संभाला है. उन्होंने क कि चूंकि जी-20 समूह दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह हमारी वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का अद्वितीय अवसर है. उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के माध्यम से भारत, व्यापार और वित्त क्षेत्र में हो रहे निर्णयों को न्याय संगत प्रगति की ओर ले जाने को प्रयासरत है. 

पूरा विश्व नाजुक दौर से गुजर रहा

भारतीय इकोनॉमी, ग्लोबल चुनौतियों और सरकार के प्रयासों के संदर्भ में राष्ट्रपति ने कहा, "विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं नाजुक दौर से गुजर रही हैं. वैश्विक महामारी के कारण हुए आर्थिक संकट से विश्व समुदाय पूरी तरह बाहर नहीं आ पाया था कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हो रही घटनाओं से अनिश्चितता का वातावरण और गंभीर हो गया." 

उन्होंने कहा, "फिर भी सरकार कठिन परिस्थितियों का अच्छी तरह से सामना करने में सक्षम रही हैं. देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि भी दर्ज की है." 

देश है किसानों का ऋणी

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे अन्नदाता किसानों ने हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राष्ट्र उनका ऋृणी है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति चिंता का कारण बनी हुई है लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने में सफल रहे हैं. 

मुर्मू ने कहा कि मुश्किल दौर में भारत की अर्थव्यवस्था न केवल समर्थ सिद्ध हुई है बल्कि दूसरों के लिए आशा का स्रोत भी बनी है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति चिंता का कारण बनी हुई है लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने में सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने जन सामान्य पर मुद्रास्फीति का अधिक प्रभाव पड़ने नहीं दिया है और गरीबों को व्यापक सुरक्षा कवच भी प्रदान किया है.

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