दिल्ली सरकार ने सड़क सुरक्षा अध्ययन करने के लिए जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय की इंटरनेशनल इंजरी प्रिवेंशन यूनिट एंड सीएसआईआर की केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) के साथ मिलकर एक स्टडी की है.इस स्टडी में दो पहिया वाहनों के लिए हेलमेट पहनने, चार पहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाने और तेज गति से चलने वाले वाहनों के आंकड़ों को देखा गया. स्टडी के मुताबिक दिल्ली में 33 प्रतिशत लोग सही से हेलमेट नहीं लगा रहे हैं. 

इन जगह पर होते हैं सबसे अधिक सड़क हादसे

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दिल्ली सरकार ने 225 ऑब्जर्वेशन सेशन और 20250 मिनट के ऑब्जर्वेशन के साथ 15 स्थानों पर ऑब्जर्वेशन स्टडी की थी. 

आंकड़ों के अनुसार दुर्घटनाओं के पीछे ओवर स्पीडिंग सबसे प्रमुख कारण है. वाहन चालक चौड़ी सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाते हैं. स्टडी के अनुसार दिल्ली में हर दूसरी मोटरसाइकिल ओवर स्पीड है, लगभग 50 फीसद हल्के ट्रक, कार, ऑटो और ट्रक ओवर स्पीडिंग में चल रहे रहे हैं.  ज्यादातर एक्सीडेंट में हेलमेट ना पहनने के कारण लोगो की जान चली जाती है. दिल्ली में सबसे ज्यादा सड़क हादसे स्कूल, मेट्रो स्टेशन और व्यवसायिक एरिया में होते हैं. यहां पैदल यात्री सड़कों से अधिक गुजरते हैं.

दिल्ली से जी मीडिया की ग्राउंड रिपोर्ट 

दिल्ली में जगह-जगह सड़क किनारे बिक रहे हेलमेट बिक रहे हैं .टोपीनुमा हेलमेट करीब 100 से 200 रुपए के बीच मिल रहा है. ज्यादातर लोग इसे ही तरजीह दे रहे हैं. ये हेलमेट सिर्फ चालान से बचाते है जान नहीं! इस पर आईएसआई का होलमार्क भी नहीं लगा होता है. कई लोग ऐसे भी मिले हैं, जिनके हेलमेट के पीछे नकली होलमार्क तक लगा हुआ है. ज्यादातर लोग दो तरह का हेलमेट रखते, एक जिसकी गुणवत्ता काफी बेहतर होती है और दूसरा हेलमेट टोपीनुमा या सामान्य कमजोर सा, जिसका इस्तेमाल दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाला करता है, जबकि दोनों ही वाहन सवार को बेहतर और मजबूत हेलमेट पहनना चाहिए. 

प्रतिदिन बिकते हैं चार से पांच हेलमेट 

मथुरा रोड पर सड़क किनारे हेलमेट बेचने वाले कई साल से हेलमेट बेच रहे हैं. दिनभर में पहले एक या दो हेलमेट बिकते थे, लेकिन अब चार से पांच हेलमेट प्रतिदिन बिकते हैं. लोग सस्ते हेलमेट को ज्यादा तरजीह देते हैं. उनके यहां भी 300 रुपए तक के हेलमेट की मांग ज्यादा रहती है. आईएसआई होलमार्क वाला मजबूत हेलमेट की कीमत 400 रुपए से शुरूआत होती है.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा पारित एक अधिसूचना में कहा गया था कि, सभी दोपहिया हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणित होने चाहिए. यदि आप बिना बीआईएस और आईएसआई मार्का हेलमेट पहले वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो चालान कट सकता है.

जानिए क्या कहता है मोटर वाहन अधिनियम

मोटर वाहन अधिनियम, 1998 के नवीनतम अपडेट के अनुसार, अनुचित तरीके से हेलमेट पहनने वाले दोपहिया सवारों पर जुर्माना लगाया जा सकता है.यदि आप बैंड/बकल/पट्टी के साथ हेलमेट बिना बांधे पहनते हैं, तो आपसे 1,000 रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा जाएगा. यदि आपके हेलमेट में बीएसआई (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणन नहीं है, तो आपको 1,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.

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स्टडी में तीन मुख्य सुझाव दिए गए हैं. पहला, हेलमेट क्लैस्पिंग नियम को तत्काल लागू करने की जरूरत है.दूसरा, पिछली सीट के यात्रियों के लिए सीट-बेल्ट लागू करने और वाहनों पर बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है. तीसरा, ट्रकों और हल्के पिकअप ट्रकों के लिए तत्काल गति प्रवर्तन आवश्यक है.