टेली-मानस लोगों के लिए बनी संजीवनी, 2022 में लॉन्च से लेकर अबतक 1 लाख लोगों ने ली सलाह
Tele Manas for Mental Health: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट करके कहा कि अक्टूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से टेली मानस हेल्पलाइन पर एक लाख से ज्यादा कॉल आईं.
टेली-मानस लोगों के लिए बनी संजीवनी, 2022 में लॉन्च से लेकर अबतक 1 लाख लोगों ने ली सलाह
टेली-मानस लोगों के लिए बनी संजीवनी, 2022 में लॉन्च से लेकर अबतक 1 लाख लोगों ने ली सलाह
Tele Manas for Mental Health: मानसिक परेशानियों को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार की टेली मानस हेल्पलाइन नंबर पर अब तक एक लाख से अधिक लोगों ने परामर्श लिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट करके कहा कि अक्टूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से टेली मानस हेल्पलाइन पर एक लाख से ज्यादा कॉल आईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार देश भर में सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि एक साथ मिलकर मानसिक परेशानियों को दूर किया जा सकता है.
अपनी पसंद की भाषा में परामर्श संभव
बता दें कि केंद्र सरकार ने चौबीस घंटे उपलब्ध टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर (14416) पूरे देश में स्थापित किया है. इस पर कॉल करने वाले सेवाओं का लाभ उठाने के लिए अपनी पसंद की भाषा का भी चयन कर सकते हैं. यह सेवा 1-800-91-4416 पर भी उपलब्ध है और इस नंबर पर किए गए कॉल को संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्थित टेली मानस सेल में भेजा जाता है.
Together For Mental Health!
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) April 24, 2023
100,000 calls received on the Tele Manas Helpline since its launch in October 2022.
PM @NarendraModi Ji's Govt is committed to providing access to quality mental healthcare for all across the country. pic.twitter.com/h939m79yhR
टेली-मानस योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों की मदद करना है और साथ ही इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है. टेली-मानस सेवा ने देश में मानसिक रूप से पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाने का काम किया है. अक्सर लोग मानसिक रूप से ग्रस्त होने के बावजूद मनोचिकित्सक के पास जाने से बचते है, ऐसी स्थिति में टेली-मानस सेवा इनके लिए संजीवनी बनकर उभरी है.
भारत में क्या है स्थिति?
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2443 व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित हैं. वहीं यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 से 24 वर्ष के सात में से एक युवा उदास रहता है. आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य समस्या को बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
कोरोना महामारी के बाद इसकी स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो गई हैं और चिंता-तनाव और अवसाद के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इस खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों को चिंता है कि आने वाले 5-8 वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा क्षेत्र पर बड़ा दबाव आ सकता है.
(PBNS इनपुट के साथ)
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05:09 PM IST