Budget 2023: अमेरिकी इंडस्ट्री ने की वित्त मंत्री से बड़ी मांग, टैक्स को लेकर की ये गुजारिश
यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने कहा, विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स रेट्स को रेशनलाइज बनाएं. बैंकों सहित विदेशी कंपनियों के लिए दरों में समानता लाने और नयी निर्माण कंपनियों के लिए टैक्स को रेशनलाइज बनाने की जरूरत है.
Budget 2023: भारत में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्सेशन सिस्टम को आसान और रेशनलाइज बनाने की जरूरत है, ताकि वैश्विक निवेशकों (Global Investors) का भरोसा हासिल करने के साथ फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) बढ़ाया जा सके. आम बजट (Budget 2023) पेश किए जाने से पहले अमेरिका स्थित एक अग्रणी पैरोकारी समूह ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह अनुरोध किया है.
डायरेक्ट टैक्स इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स या सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैकस के रूप में हो सकते हैं. दूसरी ओर जीएसटी (GST), Custom Duty या VAT जैसे इनडायरेक्ट टैक्स किसी भी गुड्स या सर्विसेज को खरीदने के लिए सभी अंतिम उपभोक्ताओं पर लगाए जाते हैं.
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कॉरपोरेट टैक्स रेट्स को रेशनलाइज बनाएं
यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने 1 फरवरी को आम बजट पेश किए जाने से पहले Finance Ministry के समक्ष ने कहा, विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स रेट्स को रेशनलाइज बनाएं. इसमें कहा गया है कि बैंकों सहित विदेशी कंपनियों के लिए दरों में समानता लाने और नयी निर्माण कंपनियों के लिए टैक्स को रेशनलाइज बनाने की जरूरत है.
कैपिटल गेन टैक्स को बनाए आसान
USISPF ने भारत से कैपिटल गेन टैक्स को आसान बनाने का आग्रह किया और अलग-अलग निवेश-साधनों की होल्डिंग अवधि और दरों में तालमेल स्थापित करने की मांग की. इसमें कहा गया, ग्लोबल टैक्स डील के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराइए. फोरम ने केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) से सिक्योरिटीज में निवेश के लिए फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) के लिए कंसेशनल टैक्स सिस्टम का विस्तार करने को कहा.
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भारत में निवेश करने वाली अमेरिकी उद्यम पूंजी कंपनियों को उम्मीद है कि बजट में स्टार्टअप इकोसिस्टम की बढ़ोतरी को समर्थन देने वाले उपाए किए जाएंगे.
सेलेस्टा कैपिटल के प्रबंध साझेदार अरुण कुमार के मुताबिक उद्यम पूंजीपति भारतीय प्रतिभा का लाभ उठाना चाहते हैं और उनके उद्यमों में निवेश करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में उद्यम पूंजीपति उन नीतियों और पहलों में दिलचस्पी रखते हैं, जो देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम की बढ़ोतरी और विकास में मदद करें.
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(भाषा)