Budget में Defence सेक्टर के लिए हो सकते हैं बड़े ऐलान, एक्सपोर्ट बढ़ाने पर होगा फोकस, सरकार ने दिए ये संकेत Powered By:
Budget 2024, Defence Sector: साल 2024 के अंतरिम बजट से पहले रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों द्वारा बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन पर बड़ा संकेत दिया है. जानिए क्या कहा रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने.
Budget 2024, Defence Sector: साल 2024 का अंतरिम बजट एक फरवरी 2024 को सदन में पेश किया जाएगा. आम चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार 2.0 का ये आखिरी बजट है. इस बजट से सभी बड़े सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं. बजट से पहले सरकार के आला अधिकारियों ने बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए बड़े ऐलान के संकेत दिए हैं. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा है कि बजट में सरकार का फोकस डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाने पर होगा.
Budget 2024, Defence Sector: रक्षा सचिव ने कहा, '20 हजार करोड़ रुपए, प्राइवेट सेक्टर का होगा योगदान'
Zee Business से एक्सक्लूसिव बातचीत में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा,'इस वित्तीय वर्ष में हम अभी तक 16 हजार करोड़ रुपए का डिफेंस एक्सपोर्ट कर चुके हैं. इस साल हम इसे 20 हजार करोड़ रुपए तक ले जाना चाहते हैं. इसमें प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी बहुत ज्यादा है. 2024 बजट में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए जो भी जरूरत है, वह उपलब्ध की जाएगी. साथ-साथ डिफेंस मिनिस्ट्री के लिए जो जरूरते हैं, उसमें बजट में कमी नहीं की जाती है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि इस बजट में वित्त मंत्रालय से रक्षा मंत्रालय को पर्याप्त बजट मिलेगा.'
Budget 2024, Defence Sector: नेवी में आत्मनिर्भरता पर हुई बढ़ोत्तरी, आयात की जरूरत हुई कम
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने आगे कहा,'नेवी में आत्मनिर्भरता में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. अभी हम जो वॉरशिप बनाते हैं, जिसमें डिस्ट्रॉयर्स, सब मरीन सभी सिस्टम की तैयारी यही हो रही है. हमारे चार पब्लिक सेक्टर शिपयार्ड और एक प्राइवेट सेक्टर शिपयार्ड में जो भी जरूरते हैं, वह सभी उपलब्ध है. हम आगे जाकर जितना ज्यादा हो सके इसे उतना ज्यादा ही स्वदेशी ही बनाना चाहते हैं. एयरक्राफ्ट करियर भी हम खुद बना सकते हैं तो इसके आयात की जरूरत भी बहुत कम हो गई है.'
Budget 2024, Defence Sector: देश की कंपनियों को दे रहे हैं ऑर्डर, देश में बढ़ेगा रोजगार'
बकौल रक्षा सचिव, 'मेक इन इंडिया हमारे मकसद है. इसी के आधार पर देश में जो हथियार तैयार हो रहे हैं, उसे ही हम खरीदना चाह रहे हैं. दिसंबर 2021 में आयात पर बैन लगाया गया था. उसके बाद से हम ऐसे ही सिस्टम जिसकी उपलब्धता भारत में नहीं है, केवल उनका आयात कर रहे हैं. जितना हो सके हम अपने देश की कंपनियों को ऑर्डर दे रहे हैं. अगर उनके पास टेक्नोलॉजी उपलब्ध नहीं है तो वह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए या ज्वाइंट वेंचर द्वारा भारत में बना सकते हैं. इससे देश में रोजगार भी बढे़गा.'