Union Budget 2023: इनकम टैक्स छूट, 80C की लिमिट, NPS लिमिट बढ़ने की उम्मीद, वित्त मंत्री के पिटारे से क्या कुछ निकलना चाहिए?
Union Budget 2023: बजट के आने से पहले Zee Business की वित्त मंत्री से कुछ मांगे. इनकम टैक्स के सेक्शन 80C, सेक्शन 80D की लिमिट बढ़ाने की मांग, साथ ही एजुकेशन अलाउंस में भी बदलाव की मांग.
Union Budget 2023: आज देश के लिए बहुत ही खास दिन है, आज 1 फरवरी है. आज देश की वित्त मंत्री संसद में देश का बजट देश के हर तबके को बजट से कुछ न कुछ उम्मीदें हैं. देश की जनता की मांगों का ध्यान रखते हुए, Zee Business ने एक सीरीज की शुरुआत की थी. इस सीरीज में Zee Business ने वित्त मंत्री से कुछ मांगे रखी थी. अब देखना ये है कि क्या आज के आने वाले बजट में ये मांगे पूरी होंगी ?
क्या थी मांगे ?
Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने देश की वित्त मंत्री से ये मांगे रखी थी-
- अनिल सिंघवी की वित्त मंत्री से पहली मांग ये थी कि वे इस बार के बजट में इनकम टैक्स के सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ा दें. इससे देश का आम इंसान ज़्यादा पैसे इन्वेस्ट कर पाएगा, जो की देश की ग्रोथ में भी काम आएगा और उनका टैक्स भी बचेगा.
- दूसरी मांग भी बड़ी दिलचस्प है, वो है हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी हुई, जिसे आम तौर पर आप मेडिक्लेम के नाम से जानते हैं. इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत मेडिक्लेम यानी की हेल्थ इंश्योरेंस के लिए छूट मिलती है सिर्फ 25,000 रुपए. अनिल सिंघवी ने इस लिमिट को बढ़ाने की मांग की है.
- अपनी तीसरी मांग में Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने आम आदमी जिनकी आमदनी कम है उनको टैक्स में राहत देने के लिए कहा है. उनकी बेसिक टैक्स एक्सेम्पशन लिमिट बढ़ाने की मांग की है.
- चौथी मांग में अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री जी से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) में डिडक्शन लिमिट 10% से 14% बढ़ाने की मांग की है.
- बच्चों की पढ़ाई और उनको हॉस्टल में रखने के लिए आपको सरकार की तरफ से टैक्स में मिलती है छूट. बच्चों की पढ़ाई का हर महीने का 100 रुपए मिलता है, मैक्सिमम दो बच्चों का. यानि की 200 रुपए की छूट आपको हर महीने सरकार की तरफ से मिलती हैं. साथ ही अगर आपके बच्चें हॉस्टल में पढ़ रहें है तो 300 रुपए के हिसाब से दो बच्चों के लिए एक महीने के 600 रुपए की छूट मिलती हैं. पर आपको तो पता है ना आजकल पढ़ाई कितनी महंगी हो गई हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री से इस एक्सेम्पशन लिमिट को एटलीस्ट दो तीन हज़ार रुपए बढ़ाने की मांग रखी हैं.
- आम आदमी अगर किसी से गिफ्ट लेता है तो अगर गिफ्ट 50,000 रुपए से ज़ादा का हो जाए तो उसे उस पर टैक्स देना पड़ता हैं. बस अगली मांग इसी टैक्स को हटाने की हैं.
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जितना टैक्स हमसे लेता है, रिफंड पर भी उतना ही देना चाहिए. हम देर से Tax भरें तो, 12% ब्याज की पेनाल्टी, लेकिन IT डिपार्टमेंट से देर हुई तो, मिलेगा सिर्फ 6%... क्यों? अपनी अगली मांग में अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री से ये भेद भाव हटाने की बात की है.
- जैसे सैलरी वाले लोगों को टैक्स भरने के लिए ऑप्शन मिलता है नई और पुरानी टैक्स रिजीम में से चुनने का, वैसे ही बिज़नेस सैलरी वाले लोगों के पास भी ऑप्शन होना चाहिए.
- अपनी अगली मांग में अनिल सिंघवी ने होम लोन पर सेक्शन 24(b) की जो लिमिट है, इसको बढ़ाने की मांग की हैं.
- अपनी आखिरी मांग में अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री से इनकम टैक्स कर राष्ट्र निर्माण सहयोग निधि जैसा कुछ रखने की मांग की है. ऐसे में लोगों को लगेगा कि हम कुछ ऐसा काम कर रहे जो सरकार को पसंद आ रहा, देश को पसंद आ रहा हैं. हमे और ज्यादा टैक्स ईमानदारी से देना चाहिए. तो ये एक बढ़िया मौका होगा लोगों के दिल और दिमाग को ये बताने का, कि अच्छा टैक्स भरेंगे, तो देश आगे बढ़ेगा.
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