Union Budget 2023 for SME/MSMEs: MSME सेक्टर के लिए खुशखबरी, 9000 करोड़ रुपए का हुआ आवंटन, जानें क्या खास मिला बजट में
MSMEs सेक्टर के लिए 9000 करोड़ रुपए का आवंटन करेगी केंद्र सरकार. क्रेडिट गारंटी प्लान के लिए देंगे 9000 करोड़ रुपए.
Union Budget 2023 for SME/MSMEs: बजट 2023 में MSME के लिए खुशखबरी हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये ऐलान किया की महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि संविदागत विवादों के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी. MSMEs सेक्टर के लिए 9000 करोड़ रुपए का आवंटन करेगी केंद्र सरकार. क्रेडिट गारंटी प्लान के लिए देंगे 9000 करोड़ रुपए. नई स्कीम के तहत MSMEs को 1 फीसदी से भी कम पर ब्याज दिया जाएगा. नई स्कीम के तहत MSMEs को 1 फीसदी से भी कम पर ब्याज दिया जाएगा. नई स्कीम के तहत 2 लाख करोड़ रुपए के कर्ज बांटे जाएंगे. सरकार MSME की क्रेडिट गारंटी प्लान के लिए ~9000 Cr देगी. नई स्कीम में MSME को ~2 Lk Cr का कर्ज बांटने की योजना. नई स्कीम में MSME को 1% कम पर ब्याज. फाइनेंशियल सेक्टर में कंप्लायंस लागत कम करने पर जोर दिया जाएगा.
बजट पेश होने के बाद CA आदित्य सेष जो की Basiz Fund Service Private Limited के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर है उन्होंने कहा कि - “ जो लोग MSMEs से गुड्स और सर्विसेज लेते हैं, अब वो MSMEs को भुगतान करने से पहले इन गुड्स और सर्विसेज का फायदा नहीं उठा पाएंगे. इससे MSMEs को फायदा होगा. पेमेंट पहले और जल्दी होगी, MSME के पास कैश फ्लो रहेगा, जिससे की वो ज्यादा अच्छे से काम कर पाएंगी. कम्प्लेन की भी गुंजाईश कम रहेगी.”
MSMEs क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिला
प्रोफेक्टस कैपिटल के कार्यकारी निदेशक और सीईओ के.वी. श्रीनिवासन ने कहा, बजट ने MSMEs सेक्टर को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा दिया है. 2 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त लोन देने की क्षमता वाली क्रेडिट गारंटी योजना की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी, एमएसएमई को भुगतान में होने वाली देरी को हतोत्साहित करने और कुशल कार्यबल की आपूर्ति बढ़ाने के प्रस्ताव जैसे उपाय एमएसएमई की प्रतिस्पर्धी स्थिति में काफी सुधार करेगा। अधिकतम 5% नकद प्राप्तियों के अधीन प्रकल्पित कर की सीमा बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये टर्नओवर करने से बड़ी टैक्स राहत मिलेगी, साथ ही बिना रिपोर्ट की गई नकद आय को कम करके पारदर्शिता बढ़ेगी. KYC प्रक्रिया को सरल बनाने और इसे जोखिम-आधारित बनाने के प्रस्ताव से वित्तीय क्षेत्र को काफी मदद मिलेगी और आम नागरिकों की मुश्किलें कम होंगी.
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