Union Budget 2023: वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचा विकास पर पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है. यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.3% बैठता है. सीतारमण ने कहा, पूंजीगत निवेश की रूपरेखा लगातार तीसरे वर्ष उल्लेखनीय रूप से बढ़ाई गई है. इसे 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है जो जीडीपी का 3.3 फीसदी होगा. उन्होंने कहा कि यह 2019-20 की तुलना में लगभग तीन गुना होगा. बजट के बाद अब मार्केट एक्सपर्ट और इंडस्ट्री के लोगों के बयान आ रहे हैं. यूनियन बजट (Union Budget) अबेकस एसेट मैनेजर LLP के फाउंडर सुनील सिंघानिया ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, इसका असर रेलवे, रोड सेक्टर को बूस्ट मिलेगा.

कैपेक्स ओरिएंटेड सेक्टर को मिलेगा

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सुनील सिंघानिया ने कहा, सरकार ने रेलवे में 2.4 लाख करोड़ रुपये का प्रोविजन किया है. FY23 में कुल 80,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. रेलवे को सबसे बड़ा बूस्ट मिला है. वंदे भारत, बुलेट ट्रेन और वैगन्स पर खर्च हुए हैं. वैगन्स के 50 हजार करोड़ रुपये और 25-30 हजार करोड़ रुपये इंजन का ऑर्डर दिया है. इसके अलावा, सरकार का फोकस रोड पर है. 

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रेलवे पर फोकस से रेलवे वाली कंपनियों को बड़ा बूस्ट मिलेगा. दूसरी कंपनियों में 20 फीसदी का ग्रोथ मिलेगा. सीमेंट, स्टील और कैपेक्स ओरिएंटेड सेक्टर को ग्रोथ मिलेगा.

 

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पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर (सीआईओ) श्रीनिवास राव रावुरी ने कहा, "वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट एक अच्छा संतुलित बजट है, जिसमें राजकोषीय सूझबूझ, निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ कुछ लोक-लुभावने कदम भी समान रूप से उठाए गए हैं. राजकोषीय गणित पहले की तरह विश्वसनीय नजर आ रहा है. सरकार का लक्ष्य निम्न और मध्यम आयवर्ग पर फोकस के साथ समावेशी विकास, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास है. हमारा मानना है कि यह व्यावहारिकता पर टिका विकासोन्मुखी बजट है."

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