Union Budget 2023: एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट ₹20 लाख करोड़ किया गया, कृषि से जुड़े स्टार्ट अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी
Union Budge 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि से जुड़े स्टार्ट अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा..
Union Budge 2023: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश किया. उन्होंने एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए कई ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि से जुड़े स्टार्ट अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए एग्री लोन लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा.
कृषि सेक्टर के लिए सरकार स्टोरेज क्षमता बढ़ाएगी
कृषि सेक्टर के लिए सरकार स्टोरेज क्षमता बढ़ाएगी. कृषि क्रेडिट का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. सालाना आधार पर इसमें 11.1% की बढ़ोतरी होगी. कॉटन के लिए PPP प्रोग्राम के तहत सरकार प्लान कर चुकी है. इससे किसानों को अपनी उपज को स्टोर करने और उनकी उपज के लिए बेहतर कीमतों का एहसास करने में मदद मिलेगी. अगले 5 वर्षों में कवर न किए गए गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगी.
बजट 2022 में किए गए थे ये ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा था कि 163 लाख किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए MSP प्राइस का सीधा भुगतान किया जाएगा. किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मोड में एक योजना शुरू की जाएगी. कृषि और ग्रामीण उद्यमों से संबंधित स्टार्ट-अप्स के वित्त पोषण के लिए कोष की शुरुआत की जाएगी. केन-बेतवा लिंक परियोजना से 9.08 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को लाभ पहुंचेगा. ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग के साथ देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. कदन्न उत्पादों के मूल्यवर्धन और ब्रांडिंग पर अत्यधिक ध्यान केन्द्रित किया जाएगा. तिलहनों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए व्यापक योजना लागू की जाएगी. प्रथम चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े कॉरिडोर में स्थित किसानों की भूमि पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.
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