नहीं आया मोबाइल नेटवर्क तो ग्राहकों को मिलेगा मुआवजा, पोस्टपेड यूजर्स को किराए में मिलेगी छूट
TRAI New Guidelines: ट्राई ने टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है. इसके बाद नेटवर्क न रहने पर न सिर्फ बिल पर छूट मिलेगी बल्कि सर्विस प्रोवाइडर को जुर्माना भी देना होगा.
TRAI New Guidelines: दूरसंचार नियामक ट्राई ने शुक्रवार को नए सेवा गुणवत्ता मानकों को जारी किया जिसमें दूरसंचार कंपनियों को जिला स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने पर ग्राहकों को मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है. ट्राई ने नए नियमों के तहत प्रत्येक गुणवत्ता मानक को पूरा करने में विफल रहने पर दंडात्मक राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा ट्राई ने सभी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी वेबसाइट पर 2G/3G/4G/5G का मैप पर विवरण देना होगा, ताकि उपभोक्ता को अपना नेटवर्क और नेटवर्क एरिया चुनना आसान हो.
TRAI New Guidelines: एक लाख रुपए, दो लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक होगा जुर्माना
ट्राई के मुताबिक किसी भी सेवा में कोई बदलाव या दिक्कत की सूचना ग्राहक को SMS या अन्य मध्यम से पहले देना जरूरी होगा. 1 अक्टूबर, 2024 से ये गाइडलाइंस लागू होंगी. नियामक ने संशोधित नियमों ''पहुंच (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा गुणवत्ता मानक विनियम, 2024'' के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों के लिए एक लाख रुपये, दो लाख रुपये, पांच लाख रुपये और 10 लाख रुपये की श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू की है.
TRAI New Guidelines: 24 घंटे तक नहीं रहा नेटवर्क को ग्राहकों को मिलेगी छूट
ट्राई ने कहा, 'यदि कोई ऐसी नेटवर्क गतिरोध 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो सेवा प्रदाता अगले बिल में उसे जिले के पंजीकृत ग्राहकों को छूट देगा.' नियामक किराये में छूट या वैधता के विस्तार की गणना के लिए कैलेंडर दिवस में 12 घंटे से अधिक की नेटवर्क बाधा अवधि को एक पूर्ण दिन के रूप में गिनेगा. हालांकि, प्राकृतिक आपदा के कारण दूरसंचार सेवाएं बाधित होने की स्थिति में यह राहत नहीं मिलेगी. नए नियमों के मुताबिक, किसी जिले में नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में टेलीकॉम ऑपरेटर को पोस्टपेड ग्राहकों के लिए किराए में छूट देनी होगी जबकि प्रीपेड ग्राहकों के लिए कनेक्शन की वैधता बढ़ानी होगी.
TRAI New Guidelines: छह महीने नहीं हर महीने करनी होगी सर्विस की जांच
ट्राई के प्रेस नोट के मुताबिक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा कंपनियों को अब हर महीने अपनी सर्विस की जांच करनी होगा. पहले ये जांच हर तीन महीने होती थी. हालांकि, नियम को लागू करने से पहले, कंपनियों को तैयारी के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा. इसके अलावा सरकार जांच करेगी कि नेटवर्क कितना अच्छा चल रहा है, कॉल कितनी बार कट रही है, और आवाज की क्वालिटी कैसी है. ये जांच हर जगह की जाएगी, जिससे पता चलेगा कि कौन सी कंपनी सबसे अच्छी सेवा दे रही है.
न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ