भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने मंगलवार को बार-बार कॉल कर परेशान करने वाले टेलीमार्केटर पर अपना रुख सख्त करते हुए दूरसंचार कंपनियों को मैसेजिंग सेवाओं का दुरुपयोग रोकने और उपभोक्ताओं को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए विशेष उपाय करने का निर्देश दिया. 

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टेलीकॉम रेगुलेटर ने यह कहा कि एक सितंबर से सभी दूरसंचार कंपनियों को यूआरएल, ओटीटी लिंक या उन कॉल बैक नंबर वाले संदेशों के प्रसारण से रोक दिया जाएगा जिन्हें प्रेषकों ने अधिकृत नहीं किया है. संदेश भेजने वाले की पहचान की क्षमता बढ़ाने के लिए ट्राई ने अनिवार्य किया है कि एक नवंबर से प्रेषक से लेकर प्राप्तकर्ता तक सभी संदेशों के स्रोत का पता लगाया जा सकेगा. इस क्रम में अपरिभाषित या बेमेल टेलीमार्केटर शृंखला वाला कोई भी संदेश अस्वीकार कर दिया जाएगा. 

अनधिकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियों की कसी जाएगी नकेल

TRAI का यह कदम इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि नियामक ने दूरसंचार ग्राहकों को प्रचार के लिए कॉल और संदेश भेजने वाले अनधिकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियों पर नकेल कसने की दिशा में पहल की है. पिछले सप्ताह ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को स्पैम कॉल करने वाले गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटर के सभी दूरसंचार संसाधनों का कनेक्शन काटने और दो साल तक के लिए काली सूची में डालने का निर्देश दिया था. 

अब टेलीकॉम रेगुलेटर ने संदेश सेवाओं का दुरुपयोग रोकने और उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी के व्यवहार से बचाने के लिए उपायों को लागू करने के निर्देश जारी किए हैं. 

इन नंबर सीरीज पर रखी जाएगी नजर

TRAI ने दूरसंचार कंपनियों को 140 श्रृंखला से शुरू होने वाली टेलीमार्केटिंग कॉल को 30 सितंबर, 2024 तक ऑनलाइन DLT मंच पर ले जाने को कहा है ताकि उनपर बेहतर नजर रखी जा सके. प्रचार सामग्री के लिए निर्धारित ढांचे के दुरुपयोग को रोकने के लिए ट्राई ने दंडात्मक प्रावधान भी किए हैं. गलत श्रेणी के तहत पंजीकृत सामग्री को काली सूची में डाला जाएगा, और बार-बार उल्लंघन पर प्रेषक की सेवाओं को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया जाएगा.