सरकार द्वारा बुधवार को जानकारी दी गई कि अक्टूबर में स्पैम कॉल और एसएमएस के खिलाफ शिकायतों में अगस्त के मुकाबले 20 प्रतिशत की कमी आई है. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के मुताबिक, अक्टूबर में स्पैम कॉल और एसएमएस के खिलाफ शिकायतों की संख्या 1.51 लाख रही है. सितंबर में यह आंकड़ा 1.63 लाख था. यह अगस्त के मुकाबले 13 प्रतिशत कम था.

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टेलीकॉम रेगुलेटर ने 13 अगस्त को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि यदि कोई भी संस्था नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रमोशनल वॉयस कॉल करती पाई गई तो उसे सख्त परिणाम भुगतने होंगे. इसमें सभी टेलीकॉम सर्विसेज का विच्छेदन, दो वर्ष तक के लिए ब्लैक लिस्ट में डालना और ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की अवधि के दौरान नए संसाधनों के आवंटन पर प्रतिबंध शामिल है.

टेलीकॉम रेगुलेटर के सख्त निर्देश के बाद, ट्राई ने 20 अगस्त को निर्देश जारी कर अनिवार्य किया कि 1 नवंबर से प्रेषकों/प्रमुख संस्थाओं से प्राप्तकर्ताओं तक सभी मैसेज ट्रेसेबल हो. सभी टेलीकॉम कंपनियों ने इसके लिए टेक्निकल सॉल्यूशंस को लागू किया है.

ट्राई ने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, 13,000 से अधिक प्रमुख संस्थाओं (पीई) ने पहले ही संबंधित एक्सेस प्रोवाइडर्स के साथ अपनी चेन पंजीकृत कर ली हैं , जिससे आगे का पंजीकरण तीव्र गति से जारी है. एक्सेस प्रोवाइडर्स की ओर से उन सभी प्रमुख संस्थाओं और पंजीकृत टेलीमार्केटर (आरटीएम) को वार्निंग नोटिस भेज दिया गया है, जिन्होंने जरूरी बदलावों को लागू नहीं किया है.

ट्राई ने आगे कहा कि सभी प्रमुख संस्थाओं और टेलीमार्केटर्स (टीएम) को सलाह दी जाती है कि वे प्राथमिकता के आधार पर चेन की घोषणा पूरी करें क्योंकि कोई भी संदेश जो परिभाषित टेलीमार्केटर चेन का पालन करने में विफल रहता है, उसे अस्वीकार कर दिया जाएगा. पिछले महीने सरकार ने भारतीय फोन नंबरों पर आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक नई स्पैम-ट्रैकिंग प्रणाली की भी घोषणा की थी.