ब्रांच से हेड ऑफिस को दी जाने वाली सर्विस पर लगेगा 18% GST, एडवांस रूलिंग ऑथोरिटी का फैसला
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) संबंधित विवादों में फैसला करने वाले निकाय एएआर ने प्रॉफिसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के मामले में यह फैसला दिया है. कंपनी ने एएआर से यह जानने की कोशिश की थी कि हेड ऑफिस को दी जाने वाली सर्विस भी क्या जीएसटी के दायरे में आएंगी.
GST: किसी कंपनी के अलग राज्यों में स्थित ब्रांच ऑफिस के कर्मचारियों की तरफ से उसके हेड ऑफिस को मुहैया कराई जाने वाली सर्विस 18% जीएसटी (GST) के दायरे में आएंगी. ऑथोरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) ने यह व्यवस्था दी है. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) संबंधित विवादों में फैसला करने वाले निकाय एएआर ने प्रॉफिसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के मामले में यह फैसला दिया है. कंपनी ने एएआर से यह जानने की कोशिश की थी कि हेड ऑफिस को दी जाने वाली सर्विस भी क्या जीएसटी के दायरे में आएंगी.
प्रॉफिसॉल्यूशंस का कर्नाटक में रजिस्टर्ड ऑफिस है जबकि तमिलनाडु में उसका ब्रांच ऑफिस है. ब्रांच ऑफिस में इंजीनियरिंग, डिजाइन और लेखा जैसी सेवाएं अपने हेड ऑफिस को मुहैया कराता है. कंपनी की दलील थी कि कर्मचारी कंपनी में नियुक्त हुए हैं और वे हेड ऑफिस या ब्रांच ऑफिस के बजाय पूरी कंपनी के लिए काम करते हैं.
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हालांकि एएआर (AAR) ने कहा कि GST प्रावधानों के मुताबिक फिजिकल उपस्थिति रखने वाले हरेक राज्य में जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration) कराना जरूरी होता है. अगर एक ही संस्था के दो रजिस्ट्रेशन नंबरों के बीच सर्विस की सप्लाई होती है तब भी उस पर टैक्स लगेगा. इसका मतलब है कि किसी कंपनी के अलग राज्यों में स्थित ब्रांच ऑफिस के कर्मचारियों की तरफ से उसके हेड ऑफिस अथवा हेड ऑफिस से ब्रांच को कर्मचारियों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं जीएसटी के दायरे में आएंगी.
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प्राधिकरण ने कहा, अगर हेड ऑफिस और ब्रांच ऑफिस के रजिस्ट्रेशन अलग-अलग हैं तो एक से दूसरे को दी जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी देनदारी बनेगी. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि एएआर का यह फैसला एक ही पैन नंबर (PAN Number) पर रजिस्टर्ड दो अलग-अलग जीएसटी रजिस्ट्रेशन के बीच सेवाओं की आपूर्ति पर 18% की दर से टैक्स लगने की व्यवस्था देता है. हालांकि कारोबार पर कर जोखिम बढ़ाए बगैर इस टैक्स की गणना के तरीके पर स्थिति साफ नहीं है.
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