Govt on Surrogate Advertising: सरोगेट विज्ञापनों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. उपभोक्ता मामले के सचिव ने इंडस्ट्री को कहा है कि ग्राहक हित के लिए अब समय आ गया है कि वास्तविक और सरोगेट विज्ञापन के बीच का महीन अंतर को समझ लिया जाए. विज्ञापन से कहीं भी, किसी भी प्रकार से प्रतिबंधित उत्पाद का सेंस नहीं आना चाहिए. उपभोक्ता सचिव के मुताबिक प्रतिबंधित उत्पाद का रंग, लेआउट और पैटर्न इस्तेमाल करना गलत है. उपभोक्ता मामलों के विभाग (DOCA) और एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने हित धारकों के साथ परामर्श बैठक की है.   

Govt on Surrogate Advertising: सरोगेट एडवर्टाइजिंग के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई, ग्राहकों के अधिकारों को करता है कमजोर   

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डीओसीए के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि प्रतिबंधित श्रेणियों में उत्पादों को बढ़ावा देने वाले सरोगेट विज्ञापन ग्राहकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं. इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं. उद्योगों में सरोगेट विज्ञापनों के प्रसार को प्रतिबंधित करने की तत्काल आवश्यकता है. यदि संबंधित प्रतिबंधित उद्योग इन गाइडलाइन्स और मौजूदा कानूनों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो अधिक कठोर कार्रवाई होगी. DOCA ने साफ किया है कि  सरोगेट विज्ञापन में किसी भी तरह की हिस्सेदारी को माफ नहीं किया जाएगा.

Govt on Surrogate Advertising: इन प्वाइंट्स पर हुई चर्चा, इन प्रोडक्ट्स को नहीं दिखाया जा सकता

DOCA और ASCI की मीटिंग के दौरान कहा गया कि ब्रांड एक्सटेंशन और जिन प्रतिबंधित प्रोडक्ट्स या सेवा को एडवर्टाइज किया जा रहा है, उसके बीच स्पष्ट अंतर होना चाहिए. विज्ञापन की कहानी या दृश्य में केवल विज्ञापित उत्पाद को दर्शाया जाना चाहिए. किसी भी रूप में निषिद्ध उत्पाद को नहीं दिखाया जा सकता है. विज्ञापन में किसी भी प्रतिबंधित उत्पादों का कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संदर्भ नहीं होना चाहिए. विज्ञापन में निषिद्ध उत्पादों को बढ़ावा देने वाली कोई भी बारीकियां या लफ्ज नहीं होने चाहिए.

Govt on Surrogate Advertising: उपभोक्ता सचिव ने कहा, लागू किए जाएंगे कड़े उपाय   

उपभोक्ता विभाग और ASCI की बैठक में कहा गया है कि विज्ञापन में प्रतिबंधित उत्पादों से जुड़े रंग, लेआउट या प्रस्तुतियों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. मीटिंग में यह भी रेखांकित किया गया कि गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ निपटा जाएगा. वहीं, गैर-अनुपालन के किसी भी मामले को संबोधित करने के लिए कड़े उपाय लागू किए जाएंगे.