क्रूज में बैठकर देख सकेंगे सरयू आरती, अयोध्या में जल्द शुरू होगा रामायण क्रूज टूर
क्रूज बोट पर रामचरित मानस (Ramcharit Manas) और रामकथा यात्रा फिल्म एनिमेशन के माध्यम से दिखाई जाएगी.
अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण के साथ यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई-नई कवायदें शुरू करने की तैयारियां होने लगी हैं. इसी कड़ी में रिवर टूरिज्म (River Tourism) को बढ़ावा देने के लिए सरयू नदी में क्रूज बोट (Cruise Boat) से आरती दिखाने की रणनीति बनायी जा रही है. इस योजना को रामायण क्रूज टूर (Ramayana Cruise Tour) नाम दिया जाएगा.
इस बारे में पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी (Neelkanth Tiwari) ने कंसल्टेंट कंपनी मैसर्स नोर्डिक क्रूज लाइन्स की ओर से सरयू नदी पर रामायण क्रूज टूर योजना का प्रजेंटेशन देखा है. पर्यटन मंत्री ने बताया कि सरयू नदी (Sarayu River) के नया घाट से गुप्तार घाट (Guptar Ghat) तक रामायण क्रूज का संचालन होगा.
क्रूज बोट पर रामचरित मानस (Ramcharit Manas) और रामकथा यात्रा फिल्म एनिमेशन के माध्यम से दिखाई जाएगी. बोट का प्लेटफॉर्म भी रामचरित मानस के मुताबिक विकसित किया जाएगा.
पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि पर्यटकों को संध्या सरयू आरती (Saryu Arati) का अवलोकन व दर्शन क्रूज बोट के माध्यम से कराया जाएगा. नया घाट पर रामायण काल आधारित सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा. सिंचाई विभाग सरयू नदी ड्रैजिंग वाटर लेवलिंग कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा पर्यटकों की सहूलियत के लिए ट्रेंड गाइड मुहैया कराने के लिए प्रबंध संस्थान 100 गाइडों का एक नवंबर से ट्रेनिंग भी कराएगा.
सरयू नदी उत्तर प्रदेश में अयोध्या के निकट बहने वाली भारत की प्राचीन नदियों में से एक है. 'घाघरा', 'सरजू' तथा 'शारदा' इस नदी के अन्य नाम हैं. सरयू नदी हिमालय से निकलकर उत्तरी भारत के गंगा मैदान में बहने वाली नदी है जो बलिया और छपरा के बीच में गंगा में मिल जाती है.
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सरयू नदी को उत्तराखंड में काली नदी के नाम से जाना जाता है. मैदान में उतरने के बाद इसमें करनाली या घाघरा नदी आकर मिलती है और इसका नाम सरयू हो जाता है. उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में इसे शारदा भी कहा जाता है.