Rupee vs Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार (13 अक्टूबर) को छह पैसे की गिरावट के साथ 83.30 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी बाजारों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के रुख के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनियम बाजार में रुपए में गिरावट आई. 

रुपये में गिरावट क्यों

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बाजार सूत्रों ने कहा कि रिटेल इन्फ्लेशन और औद्योगिक उत्पादन के सकारात्मक आंकड़ें स्थानीय मुद्रा में तेजी लाने में विफल रहे. इसका कारण डॉलर के मजबूत रहने और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी बाजार से धन निकासी के कारण रुपए पर दवाब रहा. 

6 पैसे की गिरावट

इंटर बैंक विदेशी मुद्रा विनियम बाजार (regulation market) में रुपया 83.25 प्रति डॉलर पर खुला. डॉलर के मुकाबले एक सीमित दायरे में कारोबार के बाद रुपया अंत में छह पैसे की गिरावट के साथ 83.30 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. इस तरह, रुपए की विनिमय दर में पिछले बंद भाव के मुकाबले छह पैसे की गिरावट आई. 

बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5.02 फीसदी आ गई, जबकि अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 14 महीने के उच्चतम स्तर 10.4 फीसदी पर पहुंच गया. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 फीसदी घटकर 106.52 रह गया. 

ब्याज दर में बढ़ोतरी

विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी में मुद्रास्फीति अनुमान से थोड़ा अधिक होने के बाद डॉलर सूचकांक 106 से ऊपर बना हुआ है. इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गयी है. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.97 फीसदी की भारी तेजी के साथ 88.55 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. 

BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बुधवार को 125.65 अंक की गिरावट के साथ 66,282.74 अंक पर बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल (net purchase) रहे और उन्होंने आज के कारोबारी सत्र में 317.01 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे.

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