Rs 2000 Note withdrawn News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के बैंकनोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐला किया. इस पर पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि 2,000 रुपये का नोट वापस लिए जाना ‘बहुत बड़ी घटना’ नहीं है और इससे अर्थव्यवस्था (Economy) या मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को 2016 में डिमोनेटाइजेशन (Denomination) के समय आकस्मिक कारणों से करेंसी की अस्थायी कमी को दूर करने के लिए लगाया गया था. 

मॉनेटरी पॉलिसी और इकोनॉमी पर नहीं पड़ेगा प्रभाव

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गर्ग ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षों में डिजिटल पेमेंट में भारी बढ़ोतरी के बाद 2,000 रुपये का नोट (जो वास्तव में अन्य मूल्यवर्ग के नोटों के स्थान पर लाया गया था) वापस लेने से कुल करेंसी फ्लो प्रभावित नहीं होगा और इसलिए मौद्रिक नीति पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, इससे भारत के इकोनॉमिक और फाइनेंशियल सिस्टम के ऑपरेशन पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. जीडीपी वृद्धि या जन कल्याण पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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30 सितंबर तक 2000 के नोट कर सकेंगे जमा

आपको बता दें कि आरबीआई (RBI) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी. इस वैल्यू के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे. आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैलिड करेंसी बने रहेंगे.

2000 का नोट वापस लेने से इकोनॉमी पर डायरेक्ट असर नहीं

वहीं, नीति आयोग (Niti Aayog) के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि 2000 का नोट वापस मंगाने के RBI के फैसले से इकोनॉमी पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ऐसे वापस हुए नोटों के स्थान पर उसी कीमत में कम वैल्यूवर्ग के नोट जारी कर दिए जाएंगे.  पनगड़िया ने कहा कि इस कदम के पीछे संभावित मकसद ब्लैक मनी (Black Money) आवाजाही को और मुश्किल बनाना है.

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उन्होंने कहा, हम इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं देखेंगे. 2,000 के नोट की कितनी भी राशि को बराबर कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोटों से बदल दिया जाएगा या जमा कर दिया जाएगा. इसलिए धन प्रवाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. पनगरिया ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट वर्तमान में जनता के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8% हैं और इसमें से भी ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है.

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