सरकार ने बुधवार को रिटेल यानी खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए. आंकड़ों के मुताबिक रिटेल महंगाई दर बढ़कर 7.4 फीसदी हो गई है. यह पिछले 5 महीनों में सबसे ज्यादा है. खास बात यह है कि महंगाई दर के आंकड़े केंद्रीय बैंक (RBI) के तय दायरे से लगातार 9वीं बार ऊपर है. 

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इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) भी अगस्त में घटकर 0.8 फीसदी रही. इसमें 18 महीने बाद गिरावट देखने को मिली. इकोनॉमी के लिहाज से दोनों ही आंकड़े अच्छे नहीं है. अब जानते हैं एक्सपर्ट्स इन कमजोर आर्थिक आंकड़ों की वजह क्या रही और इसका आने वाले दिनों में किस तरह का असर पड़ेगा.

महंगाई RBI के दायरे से बाहर

नाइट फ्रैंक इंडिया के रिसर्च डायरेक्टर विवेक राठी ने कहा कि रिटेल महंगाई दर बढ़ने की सबसे बड़ी खाद्य महंगाई रही. खानपान के सामान की महंगाई (Food Inflation) सितंबर में 22 महीने की ऊंचाई 8.6 फीसदी पर पहुंच गई है. नतीजतन, महंगाई दर RBI की तय दर 4% (+2/-2%) से अभी भी बाहर है.

जारी रहेगी महंगाई की मार

उन्होंने कहा कि आगे भी लोगों को महंगाई की मार जारी रहेगी, क्योंकि रुपए में जारी गिरावट से सरकार को कच्चे तेल पर ज्यादा पेमेंट करना पड़ रहा है. यानी इंपोर्ट होने आइटम के भाव लगातार महंगे होते जाएंगे. 

RBI पर बनेगा ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस ग्रुप (MOFSL Group) के चीफ इकोनॉमिस्ट निखिल गुप्ता के मुताबिक अगस्त में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में गिरावट और सितंबर में रिटेल महंगाई में उछाल दोनों ही चिंताजनक है. क्योंकि दिसंबर में जब RBI की पॉलिसी मीटिंग होगी तब फैसला इन्हीं आंकड़ों पर निर्भर होगी. इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के एक्शन पर नजर रहेगी. 

उन्होंने कहा कि अगर फेड ब्याज दरें बढ़ाता है और अक्टूबर में भी रिटेल महंगाई बढ़ती है तो RBI भी कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होगा. संभव है कि ब्याज दरों में 35 या 50 बेसिस पॉइंट की हाइक हो सकती है. मिलवुड केन इंटरनेशनल की फाउंडर और CEO निश भट्ट भी मानती हैं कि बढ़ती महंगाई RBI को ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बनाएगा. 

शेयर बाजार में बढ़ेगी बिकवाली

राइट रिसर्च (Wright Research) की फाउंडर और स्मालकेस मैनेजर सोनम श्रीवास्तव ने कहा कि महंगाई दर बढ़ने से गुरुवार को बाजार में विदेशी निवेश बिकवाली कर सकते हैं. ऐसे में शेयर बाजार में दबाव देखने को मिल सकता है. 

गुरुवार को ही अमेरिकी CPI महंगाई के आंकड़े भी आएंगे. इस पर सोनम श्रीवास्तव ने कहा कि अगर अमेरिका में महंगाई बढ़ती है, तो ग्लोबल बाजारों में बिकवाली बढ़ेगी. दूसरी ओर अगर महंगाई दर कमजोर आते हैं तब ऐसी स्थिति में ग्लोबल मार्केट से अच्छी तेजी की उम्मीद की जा सकती है.