Retail inflation: इंडियन इकोनॉमी के लिए बुरी खबर आई है. लगातार तीन महीने तक खुदरा महंगाई में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन अगस्त के महीने में देश में खुदरा महंगाई दर में उछाल आया है. अगस्त में खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी रही जो जुलाई के महीने में 6.71 फीसदी रही थी. इसके अलावा इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में भी गिरावट आई है. जुलाई में IIP यानी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स घटकर 2.4 फीसदी पर आ गया जो जून में 12.3 फीसदी था.

लगातार आठवें महीने महंगाई RBI के दायरे से पार

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यह लगातार आठवां महीना है जब खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक की अपर लिमिट यानी 6 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. अगस्त 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.30 फीसदी रही थी. नेशनल स्टेटिकल ऑफिस यानी NSO की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक, फूड इंफ्लेशन में उछाल के कारण खुदरा महंगाई में तेजी दर्ज की गई है. अगस्त में रूरल इंफ्लेशन 7.15 फीसदी और अर्बन इंफ्लेशन रेट 6.72 फीसदी रहा. जुलाई के महीने में रूरल इंफ्लेशन रेट 6.80 फीसदी और अर्बन इंफ्लेशन रेट 6.49 फीसदी था.

 

फूड इंफ्लेशन में उछाल का दिख रहा असर

डेटा के मुताबिक, अगस्त में फूड इंफ्लेशन रेट 7.62 फीसदी रहा. रिटेल महंगाई दर में इसका भार आधा होता है. जुलाई के महीने में फूड इंफ्लेशन रेट 6.75 फीसदी था. भारत ने अगस्त अंत में आंटा निर्यात पर पाबंदी लगाई जिसका असर फूड इंफ्लेशन में उछाल के रूप में देखा जा रहा है.

रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी पर बढ़ेगा दबाव

महंगाई में उछाल से रिजर्व बैंक पर दबाव बढ़ेगा. इसी महीने में 28-30 सितंबर के बीच रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होने वाली है. रिजर्व बैंक ने महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है जिसमें 2 फीसदी कम या ज्यादा हो सकता है. ऐसे में अपल लिमिट 6 फीसदी और लोअर लिमिट 2 फीसदी है. पिछले तीन महीने से खुदरा महंगाई में गिरावट आ रही थी जिससे इंट्रेस्ट रेट को लेकर दबाव कम था. अब इसमें तेजी आई है जिसके कारण MPC सदस्यों पर इंट्रेस्ट रेट को लेकर दबाव बढ़ गया है.