रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि तेजी से बढ़ता रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा. जोशी ने यहां बीएनईएफ (ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फाइनेंस) शिखर सम्मेलन में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार के उपायों की जानकारी दी. मंत्री ने कहा, ‘‘इतनी तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर निश्चित रूप से भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा. भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी में एक प्रतिस्पर्धी उद्योग संरचना बनाई है.’’ 

सोलर एनर्जी की लागत भारत में सबसे कम

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उन्होंने कहा कि भारत में सोलर एनर्जी की लागत दुनिया में सबसे कम है. इसका कारण यह है कि हमें अच्छी संख्या में धूप वाले दिन मिलते हैं. जोशी ने कहा कि देश में स्वच्छ ईंधन से सभी बढ़ती मांग को पूरा कर बिजली सेक्टर में कार्बन उत्सर्जन में कमी लायी जा सकती है. पर इसके लिए बड़े पैमाने पर ग्रिड भंडारण जरूरी है. अतिरिक्त बिजली का भंडारण करने के लिए पंप भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा देने की नीति की योजना बनाई जा रही है. साथ ही देश के ऊर्जा मिश्रण में रिन्यूएबल एनर्जी के एकीकरण की सुविधा प्रदान करने और पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं के विकास में तेजी लाने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. 

2400 करोड़ की PLI स्कीम लागू की गई है

उन्होंने कहा, ‘‘हमने 24,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजना भी लागू की है.’’ योजना के तहत उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की 48,337 मेगावाट पूर्ण और आंशिक रूप से एकीकृत विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए आवंटन पत्र जारी किये गये हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि हम वास्तव में हरित अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और अपने लक्ष्य में हमें सभी संबंधित पक्षों के समर्थन की आवश्यकता है. उन्होंने उद्योग जगत से इस सेक्टर को अधिक प्रतिस्पर्धी और लाभप्रद बनाने के संबंध में किसी भी स्थिति के लिए सरकार से संपर्क करने का आग्रह किया.

रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी 203 GW पर पहुंची

जोशी ने कहा कि भारत की स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 10 साल में 165 फीसदी बढ़कर 203 गीगावाट से अधिक हो गई है. इस दौरान देश में कुल रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन 86 फीसदी बढ़कर 2023-24 में 360 अरब यूनिट पर पहुंच गया. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई हमने न केवल सस्ती दरों पर बिजली पैदा की है, बल्कि ग्रिड से जुड़े सोलर एनर्जी संयंत्रों के लिए शुल्क दर में 76 फीसदी की कमी भी आई है. यह 2010-11 में 10.95 रुपए प्रति यूनिट थी जो 2023-24 के दौरान 2.60 रुपए तक आ गयी.’’ 

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ

मंत्री ने कहा, ‘‘जब से मैं इस मंत्रालय का नेतृत्व कर रहा हूं, तब से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 2.5 लाख से अधिक रूफटॉप सोलर इकाइयां लगाई गई हैं.’’ उन्होंने कहा कि कुल 3.28 लाख संयंत्रों में से 75 फीसदी से अधिक पिछले तीन महीनों के दौरान लगाये गये हैं. जोशी ने कहा कि इस दौरान, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के दूसरे दूसरे चरण में 11 कंपनियों को परियोजनाएं आवंटित की गई हैं. इसके तहत, कुल 1,500 मेगावाट की क्षमता प्रदान की गई है.