RBI MPC Meeting: कल से शुरू हो रही है रिजर्व बैंक की अहम मॉनिटरी पॉलिसी बैठक, क्या फिर से बढ़ेगा रेपो रेट?
RBI MPC Meeting: वित्त वर्ष 2024 के लिए रिजर्व बैंक की पहली मॉनिटरी पॉलिसी बैठक 3 अप्रैल से शुरू हो रही है. मार्च में यूरोपियन सेंट्रल बैंक, फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाया. एक्सपर्ट्स से जानिए कि RBI रेपो रेट पर क्या फैसला ले सकता है.
RBI MPC Meeting: वित्त वर्ष 2023-24 में रिजर्व बैंक की पहली मॉनिटरी पॉलिसी बैठक 3-5 अप्रैल के बीच होने वाली है. सोमवार से शुरू होने वाली इस बैठक पर सबकी निगाहें हैं. पिछले महीने फेडरल रिजर्व, यूरोपियन सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स, 50 बेसिस प्वाइंट्स और 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी. फरवरी महीने में रीटेल इंफ्लेशन रेट 6.4 फीसदी रहा. जनवरी में यह 6.5 फीसदी रहा था. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि रिजर्व बैंक अपनी मॉनिटरी पॉलिसी में किस तरह का फैसला ले सकता है.
25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी संभव
कोटक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के CEO, इन्वेस्टमेंट एंड स्ट्रैटेजी, लक्ष्मी अय्यर ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट में काफी वोलाटिलिटी रही है. मार्च में ECB और फेडरल रिजर्व ने हमारे अनुमान के अनुरूप ही इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी की थी. आने वाले कुछ हफ्तों और महीनों में मैक्रो इकोनॉमिक डेटा कैसा रहता है, उसके आधार पर ये सेंट्रल बैंक आगे इंटरेस्ट रेट को लेकर फैसला लेंगे. भारत की बात करें तो खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के ऊपर है. कोर इंफ्लेशन रेट भी हाई है. मेरा मानना है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा सकता है.
भारत पर ग्लोबल बैंकिंग क्राइसिस का असर लिमिटेड
कोटक चेरी के CEO श्रीकांत सुब्रमण्यम ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में ग्लोबल सेंट्रल बैंकों के लिए काफी एक्शन वाला रहा. एक तरफ इंटरेस्ट रेट हाइक की मदद से महंगाई को कम करने का प्रयास किया गया. दूसरी तरफ, फाइनेंशियल क्राइसिस के बीच बैंकों को बचाने के लिए भी आगे आना पड़ा. हालांकि, भारत पर बैंकिंग क्राइसिस का असर लिमिटेड है. रिजर्व बैंक इस मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है. इसके बाद RBI इंटरेस्ट रेट हाइक पर विराम लगाएगा. वर्तमान में रेपो रेट 6.50 फीसदी है.
जनवरी और फरवरी में महंगाई दर 6 फीसदी के ऊपर
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केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल में आरबीआई का फैसला पिछले दो महीनों में अप्रत्याशित रूप से हाई रीटेल इंफ्लेशन रेट से प्रभावित होगा. जनवरी और फरवरी में CPI 6 फीसदी की अपर लिमिट के ऊपर रहा. इसका मानना है कि रिजर्व बैंक एकबार फिर से 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा जिसके फलस्वरूप रेपो रेट 6.75 फीसदी पर पहुंच जाएगा.
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10:40 AM IST