RBI Monetary Policy पर Zee Business का पोल: Repo Rate में कब-कब और कितनी बार हो सकती है कटौती? जानें नतीजे
इस वित्त वर्ष में रेपो रेट में एक से दो कटौती की उम्मीद जताई जा रही है, ये कब-कब आ सकते हैं, देखिए Zee Business Poll के नतीजे-
RBI Monetary Policy: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC meeting) की बैठक आज बुधवार से शुरू हो चुकी है. नीतिगत ब्याज दर पर फैसला करने वाली समिति हर दो महीनों पर तीन दिनों की बैठक करती है. शुक्रवार को Repo Rate पर फैसला आने वाला है. ऐसी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को यथावत रखेगा और मुद्रास्फीति नियंत्रण पर अपना ध्यान बनाए रखेगा. आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंताएं कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति (food inflation) पर ही ध्यान रहने की उम्मीद है. फैसला आने से पहले Zee Business एक्सपर्ट्स पोल में इस साल के लिए रेपो रेट में कटौती को लेकर सकारात्मक संकेतों की उम्मीद जताई गई है. इस वित्त वर्ष में रेपो रेट में एक से दो कटौती की उम्मीद जताई जा रही है, ये कब-कब आ सकते हैं, देखिए Zee Business Poll के नतीजे-
मॉनेटरी पॉलिसी पर सबसे बड़ा पोल- ज़ी बिज़नेस एक्सपर्ट पोल
1) इस बार ब्याज दरें घटेंगी?
A) हां 0%
B) नहीं 100%
2) RBI दरों में पहली कटौती कब करेगा?
A) जून पॉलिसी 0%
B) अगस्त पॉलिसी 0%
C) अक्टूबर पॉलिसी 100%
D) अक्टूबर पॉलिसी के बाद 0%
3) साल 2024 में कितनी बार घटेंगी दरें?
एक 60%
दो 40%
तीन 0%
तीन से ज्यादा 0%
4) इस बार CRR कटौती होगी?
A) हां 0%
B) नहीं 100%
5) GDP अनुमान बदलेगा RBI?
A) हां 60%
B) नहीं 40%
6) महंगाई का अनुमान बदलेगा RBI?
A) हां 0%
B) नहीं 100%
Repo Rate पर फैसलों को कौन सी बातें कर सकती हैं प्रभावित?
विशेषज्ञों ने कहा कि एमपीसी बैठक में अमेरिका और ब्रिटेन जैसी कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों के रुख पर तवज्जो दी जा सकती है. ये केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती को लेकर फिलहाल ‘देखो और इंतजार करने’ की स्थिति में हैं. स्विट्जरलैंड ब्याज दरों में कटौती करने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जबकि दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था जापान ने नकारात्मक ब्याज दरों का सिलसिला हाल ही में खत्म कर दिया है. सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे. फरवरी के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर 5.1 प्रतिशत थी.
यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा है. एक अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में एमपीसी की कुल छह बैठकें आयोजित होंगी. आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर में बढ़ोतरी की थी और तब से यह लगातार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है. पिछली छह द्विमासिक नीतियों में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया. गवर्नर दास की अध्यक्षता वाली समिति में शशांक भिड़े, आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा, राजीव रंजन और माइकल देबब्रत पात्रा भी शामिल हैं.