भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि भारत में महंगाई कम हुई है, लेकिन हमें अभी सफर पूरा करना है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित भारत की खुदरा महंगाई अगस्त में 3.65 फीसदी रही. यह लगातार दूसरा महीना है, जब महंगाई चार फीसदी से कम रही. सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि महंगाई चार फीसदी पर बनी रहे, जिसमें ऊपर नीचे की और दो फीसदी की घटबढ़ हो सकती है. 

महंगाई 4% के संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है

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दास ने सिंगापुर में आयोजित ब्रेटन वुड्स कमेटी के कार्यक्रम 'फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024' में अपने संबोधन के दौरान कहा, ''महंगाई अप्रैल 2022 में अपने चरम 7.8 फीसदी से कम होकर चार फीसदी के लक्ष्य के आसपास संतोषजनक स्तर पर आ गई है, लेकिन हमें अभी भी सफर तय करना है और हम दूसरी तरफ देखने का जोखिम नहीं उठा सकते.'' 

FY25 में 4.5% महंगाई रहने का अनुमान

आरबीआई के अनुमानों से संकेत मिलता है कि महंगाई 2023-24 में 5.4 फीसदी से घटकर 2024-25 में 4.5 फीसदी और 2025-26 में 4.1 फीसदी हो जाएगी. गवर्नर ने कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधि और व्यापार ने बड़े पैमाने पर नकारात्मक जोखिमों को झेला है, लेकिन महंगाई का अंतिम पड़ाव चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है. इससे वित्तीय स्थिरता के जोखिम भी पैदा हुए हैं. 

ग्लोबल इंफ्लेशन की गति धीमी हो रही है

दास ने कहा, ''वैश्विक महंगाई में कमी की गति धीमी हो रही है, जिससे मौद्रिक नीति को उदार बनाने में सावधानी बरतने की आवश्यकता है.'' उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों को मौद्रिक नीति का प्रबंधन सोच-विचार करके करना चाहिए और सरकार को आपूर्ति पक्ष के उपायों पर ध्यान देना चाहिए. दास ने कहा कि दरों में कटौती के लिए बाजार की उम्मीदें अब बढ़ रही हैं और खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत बदलाव के संकेतों के बाद ऐसा देखने को मिल रहा है.