केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय तमाम वर्ग के लोगों के लिए घोषणाएं की थीं. इस बीच उन्‍होंने नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की भी चर्चा की थी. वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा था कि कोरोना में हुए शिक्षा के नुकसान को कम करने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी और सभी स्कूलों को डिजिटल लाइब्रेरी से जोड़ा जाएगा. आइए आपको बताते हैं कि क्‍या होती है डिजिटल लाइब्रेरी और आपके बच्‍चों को कैसे मिल सकता है इसका फायदा.

क्‍या है डिजिटल लाइब्रेरी

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डिजिटल लाइब्रेरी के नाम से ही स्‍पष्‍ट है कि ये एक ऐसी लाइब्रेरी है जिसमें आपको सभी किताबें डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मिलती हैं. साधारण शब्‍दों में आप इसे ऑन लाइन लाइब्रेरी कह सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इस लाइब्रेरी का इस्‍तेमाल आप दुनिया के किसी भी स्‍थान में बैठकर कर सकते हैं. इसके लिए आपको इंटरनेट की जरूरत होगी.

कैसे मिलेगा आपके बच्‍चों को फायदा

फिजिकल लाइब्रेरी के मुकाबले डिजिटल लाइब्रेरी में असीमित स्पेस होता है. इसकी मदद से आपके बच्‍चों को किसी भी तरह की किताब के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं होगी. उनके लिए सब कुछ एक ही प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्‍ध होगा और वो इसका इस्‍तेमाल कहीं भी कर सकते हैं. नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी के बाद छात्रों को किसी भी स्थान पर जाकर किताब के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं होगी.

किसने किया था डिजिटल लाइब्रेरी शब्‍द का इस्‍तेमाल

डिजिटल लाइब्रेरी शब्द का इस्‍तेमाल 1994 में पहली बार नासा डिजिटल लाइब्रेरी द्वारा इस्तेमाल किया गया था. अमेरिकी लेखक माइकल स्टर्न हार्ट डिजिटल लाइब्रेरी की पहली परियोजना के संस्थापक हैं. हार्ट ने इंटरनेट के जरिए से स्वतंत्र रूप से उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकों को एक्सेस करने लायक बनाया था. भारत में डिजिटल लाइब्रेरी का सबसे अच्‍छा उदाहरण भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी, आईआईटी खड़गपुर है, जो इंटरनेट पर सभी के लिए उपलब्ध है.

 

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