PM Narendra Modi Oath Ceremony: पीएम नरेंद्र मोदी नौ जून शाम 07.15 बजे तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. पीएम मोदी के साथ उनका पूरा मंत्रीपरिषद भी शपथ लेगा. भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में कुल 240 सीटें मिली है और एनडीए गठबंधन को 293 सीटें मिली है. एनडीए में भाजपा के बाद टीडीपी की सबसे अधिक 16 और जेडीयू की 12 सीटें है. ऐसे में पीएम मोदी पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे. इस कारण सभी की नजरें इस बात पर टिकी है कि किस पार्टी को कौन सा मंत्रालय मिलता है. साथ ही पीएम मोदी का मंत्रीमंडल इस बार कितना बड़ा हो सकता है. 

PM Narendra Modi Oath Ceremony: 15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है मंत्रीपरिषद

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संविधान के अनुच्छेद 75 के मुताबिक पीएम के मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से ज्यादा नहीं हो सकती है. लोकसभा में 543 सदस्य हैं, 15% यानी मंत्रिपरिषद में अधिकतम 81 मंत्री हो सकते हैं. मंत्रीपरिषद में तीन तरह के मंत्री होते हैं. पहला कैबिनेट मंत्री, दूसरा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीसरा राज्यमंत्री . पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2019 में जब शपथ ली थी तब उनके साथ 24 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्यमंत्री ने शपथ ली थी. मोदी 2.0 में 72 मंत्री शामिल हुए थे.

PM Narendra Modi Oath Ceremony: क्या होते हैं कैबिनेट मंत्री

केंद्रीय मंत्रीमंडल में सबसे पहले कैबिनेट मंत्री का नंबर आता है. कैबिनेट मंत्रियों के पास ज्यादा शक्ति होती है. साथ ही इनके पास अपने मंत्रालय की पूरी जिम्मेदारी होती है. सरकार में बड़े मंत्रालय जैसे गृह, विदेश, वित्त, रक्षा, रेलवे जैसे कैबिनेट मंत्री होते हैं. प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी के सदस्य होते हैं. कैबिनेट मंत्री के पास एक से अधिक मंत्रालय हो सकते हैं. सरकार के प्रमुख फैसले कैबिनेट की बैठक में लिए जाते हैं.

PM Narendra Modi Oath Ceremony: क्या होते हैं राज्यमंत्री और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

कैबिनेट के बाद राज्यमंत्री का नंबर आता है. राज्यमंत्री कैबिनेट मंत्री के सहयोगी होते हैं. कैबिनेट मंत्री की गैर मौजूदगी में ये मंत्रालय का कामकाज देखते हैं. एक कैबिनेट मंत्री के साथ एक से अधिक राज्यमंत्री हो सकते हैं. राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को जूनियर मंत्री भी कहा जाता है. ये किसी कैबिनेट मंत्री के सहयोगी नहीं होते लेकिन, इनका दर्जा कैबिनेट मंत्री का भी नहीं होता है. ये सीधे पीएम को रिपोर्ट करते हैं. कौन सा मंत्रालय कैबिनेट, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) होगा इसका फैसला प्रधानमंत्री करते हैं.