क्या आपको भी अपने कॉस्मेटिक के पैकेट के पीछे लिखी जानकारी को लेकर कभी-कभी कंफ्यूजन होता है. क्या आपके मन में भी ये सवाल आता है कि कॉस्मेटिक के पैकेट के पीछे जो डेट ऑफ एक्सपायरी (Date of expiry), Use Before, Best Before लिखा है तो इसका क्या मतलब है. अगर हां, तो आपको अब इससे राहत मिलने वाली है. इन डेट्स को लेकर आपके मन में जो कंफ्यूजन होता है, वो दूर हो जाएगा क्योंकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने कॉस्मेटिक रूल 2020 में संशोधन के लिए प्रस्ताव रखा है और इसके लिए एक नोटिफिकिशन भी जारी कर दिया है. अगर ये प्रस्ताव फाइनल हो जाते हैं तो कंज्यूमर को डेट ऑफ एक्सपायरी, बेस्ट बिफॉर, यूज़ बिफॉर जैसे टर्म्स के कंफ्यूजन से छुटकारा मिल जाएगा. 

कॉस्मेटिक प्रोडक्ट पर लिखी डीटेल्स होंगी और आसान

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है और स्टेकहोल्डर्स से 45 दिनों में सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं. इस प्रस्ताव के बाद आपकी क्रीम, तेल, Deo, काजल, लिपस्टिक समेत सभी कॉस्मेटिक उत्पादों पर लिखी डिटेल्स आसान होंगी. Use Before/ Best Before/ Date Of Expiry का कन्फ्यूजन खत्म हो जाएगा. अगर जांच में कहीं कोई गड़बड़ी मिलती है तो सीधा Spurious Cosmetics का ठप्पा लगा दिया जाएगा.

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प्रस्ताव में रखी गई ये बातें

इस प्रस्ताव में जो सबसे अहम बात रखी गई है वो ये है कि कॉस्मेटिक्स के लिए लास्ट डेट ऑफ़ एक्सपायरी होगी महीने का आखिरी दिन होगा और बेस्ट बिफोर का मतलब उस महीने का पहला दिन होगा. इसके अलावा हर बैच में इस्तेमाल कच्चा माल समेत अन्य डिटेल्स को कंपनी को 3 साल या बैच एक्सपायरी के 6 माह बाद इनमें जो देरी से हो तक रखना होगा. 

हालांकि साबुन बनाने वालों के लिए वर्तमान व्यवस्था ही लागू रहेगी और उन पर इन नए प्रस्ताव को (अगर नियम बना तो) लागू नहीं किया जाएगा. वहीं सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्री सभी तरह की जांच और Appleatte अथॉरिटी के रूप में काम करेगा. राज्यों में लाइसेंस के लिए अथॉरिटी, किसी भी मुद्दे पर कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है. 

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कंपनियों को मिलेगा 3 महीने का समय

अगर अथॉरिटी को कुछ गलत या अनुचित मिलता है तो वो कंपनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस को जारी कर सकता है. इसके अलावा संतोषजनकर जवाब ना मिलने पर लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है या फिर सस्पेंड भी किया जा सकता है. वहीं कंपनी को अपील करने के लिए 3 महीने का समय होगा. 

वहीं एक्सपोर्ट्स के लिए बनाए गए उत्पाद की गुणवत्ता, पैकिंग उस देश के स्टैंडर्ड और कानून के मुताबिक होगी. इसके अलावा अडल्टरेटेड कॉस्मेटिक की बजाय Spurious Cosmetics कहा जाएगा और लाइसेंस को अप्रूवल कहा जाएगा. जहां उत्पादन की मंजूरी है उस क्षेत्र को लाइसेंसड प्रमाइसिस की बजाय अप्रूव्ड प्रमाइसिस कहा जाएगा. 

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