Tobacco Policy for OTT: पिछले दिनों दुनियाभर में World No Tobacco Day मनाया गया है. भारत ने इस मौके का फायदा उठाते हुए देश में OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए एक गाइडलाइन जारी कि और ये नियम अनिवार्य कर दिया कि प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में तंबाकू के खिलाफ वैसे ही चेतावानी जारी की जाएगी जैसे थिएटर में फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों में होती है. इसके साथ ही OTT कंटेंट के लिए तंबाकू के खिलाफ चेतावनी जारी करने को अनिवार्य करने वाला भारत पहला देश बन गया. लेकिन ऐसा लग रहा है कि ये पॉलिसी दिग्गज स्ट्रीमिंग कंपनियों को रास नहीं आ रही है. जानकारी है कि ये कंपनियां सरकार के नए नियमों को चुनौती दे सकती हैं.

टोबैको गाइडलाइन पर आपत्ति

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न्यूज एजेंसी Reuters की रिपोर्ट की मानें, Netflix, Disney और Amazon Prime OTT पर भारत के टोबैको नियमों को चुनौती दे सकते हैं. भारत ने OTT के लिए जो टोबैको गाइडलाइन जारी की है, उसमें इन प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी शो के शुरू में एंटी टोबैको संदेश दिखाना जरूरी कर दिया गया है. अब ओटीटी कार्यक्रमों में तंबाकू विरूद्ध चेतावनी जारी करना अनिवार्य होगा. लेकिन रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इन कंपनियों ने शुक्रवार को निजी बैठक की है, जिसमें इस पॉलिसी को कानूनी रूप से चुनौती देने और कुछ दूसरे रास्ते निकालने पर चर्चा की गई है. दरअसल, उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि इस पॉलिसी को लागू करने के लिए उन्हें प्लेटफॉर्म पर पहले से मौजूद लाखों घंटों के कंटेंट को एडिट करना पड़ेगा.

ब्लॉक करना पड़ेगा कंटेंट?

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नेटफ्लिक्स की चिंता है कि इससे कस्टमर एक्सपीरियंस पर तो असर पड़ेगा ही, बहुत से प्रोडक्शन हाउस को भारत के यूजरों के लिए अपना कंटेंट ब्लॉक भी करना पड़ेगा.

क्या दलील निकाल सकते हैं प्लेटफॉर्म?

एक सूत्र ने कहा कि इस गाइडलाइन को चुनौती देने के पीछे एक बड़ा तर्क जो कंपनियां यूज़ कर सकती हैं, वो ये स्ट्रीमिंग कंपनियों पर नियम-कानून देश में सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत लागू होते हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय के नहीं. ऐसे में इन नियमों को मानने के लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता.

कहता क्या है स्वास्थ्य मंत्रालय का नया आदेश?

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2004 के तहत नए नियम नोटिफाई किए, जिसके मुताबिक ऑनलाइन कंटेंटमें तंबाकू उत्पाद या उनके इस्तेमाल को दिखाए जाने के दौरान प्रसारकों को कार्यक्रम के शुरू और मध्य में कम से कम 30 सेकेंड तक तंबाकू के खिलाफ स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी जारी करना होगा. जब कार्यक्रम के दौरान तम्बाकू उत्पादों या उनके उपयोग को दिखाया जाता है तो उन्हें इस दौरान स्क्रीन के नीचे एक संदेश के रूप में तम्बाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनी दिखाना अनिवार्य होगा.

अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘उप-नियम (1) के खंड (बी) में निर्दिष्ट तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनी संदेश सफेद पृष्ठभूमि पर काले रंग के अक्षरो में ‘तंबाकू से कैंसर होता है’ या ‘तंबाकू मारक होती है ’ की चेतावनी दिखानी होगी जो स्पष्ट और पठनीय होनी चाहिए.’’ इसके अलावा, तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनी संदेश और ऑडियो-विजुअल डिस्क्लेमर उसी भाषा में होने चाहिए, जिसका उपयोग ऑनलाइन बनाई गई सामग्री में किया जाता है. 

नियम न मानने पर एक्शन लेगा मंत्रालय

अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मामले का स्वत: संज्ञान ले सकते हैं या उन्हें शिकायत की जा सकती है. इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन सामग्री के प्रकाशक की पहचान करने के बाद, नोटिस जारी कर उनसे विफलता पर स्पष्टीकरण देने के लिए पर्याप्त मौका दिया जाएगा और सामग्री में उचित बदलाव किए जाएंगे.

(एजेंसी से इनपुट के साथ)

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