सीएम शिंदे ने चुनावी नतीजों के बीच किया खुलासा, महाराष्ट्र में 'गेम चेंजर' साबित हुई महायुति की ये स्कीम!
एकनाथ शिंदे, देवेद्र फडणवीस और अजित पवार ने अपनी-अपनी सीट से जीत दर्ज कर ली है. रुझानों को देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि इस बार महाराष्ट्र में महायुती की सरकार बन सकती है.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की वोटिंग जारी है. 288 सीट पर मतगणना चल रही है. 225 सीट पर बीजेपी+ बढ़त बनाए हुए है और अकेली भारतीय जनता पार्टी 130 सीट पर बढ़त बना रखी है. महायुती के तीनों बड़े नेताओं ने जीत दर्ज कर ली है. एकनाथ शिंदे, देवेद्र फडणवीस और अजित पवार ने अपनी-अपनी सीट से जीत दर्ज कर ली है. रुझानों को देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि इस बार महाराष्ट्र में महायुती की सरकार बन सकती है. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान आया है. उन्होंने बताया है कि किस वजह से महाराष्ट्र में इतनी बड़ी जीत के संकेत मिले हैं?
ये रही बड़ी वजह
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि उनकी प्रमुख पहल ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के कारण ही विधानसभा चुनाव के रुझान महायुति के पक्ष में हैं. शिंदे ने कहा कि राज्य की जनता ने कल्याणकारी योजनाओं का जवाब अपने मतों से दिया है. महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीट पर हुए चुनाव के नतीजों में अब तक आए रुझानों से यह संकेत मिलता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठबंधन ‘महायुति’ राज्य में सत्ता बरकरार रखेगा.
एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान
शिंदे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैं राज्य की सभी लाडकी बहिनों और भाइयों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने बड़ी संख्या में हमारे लिए मतदान किया. मतदान का रुझान हमारे काम का समर्थन है. उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग ने हमारे विकास के प्रयासों के कारण हमें वोट दिया है. जनता ने हमारे काम को देखा है और अपने मतों के माध्यम से इसका जवाब दिया है.
शिंदे ने कहा कि इस परिणाम से उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि महायुति के पास ऐसा कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है कि सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी के व्यक्ति को ही मुख्यमंत्री का पद मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं बना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा समेत तीनों दलों के वरिष्ठ नेता इस मामले पर चर्चा कर फैसला लेंगे.