Indian Shoe Size: जूते की दुकान में अकसर आपने ये सुना होगा UK वाला साइज़ आगे टाइट है, या US में एक साइज़ बड़ा दिखाना भइया ये एड़ी में चुभ रहा है... जल्द ही इस तरह की चर्चा से फुर्सत मिलने वाली है. अब आपको मजबूरन यूके, यूएस और यूरो (फ्रांस) के साइज़ वाला जूता नहीं पहनना होगा. अब आपके पैरों को मिलेगा बेहतर कंफर्ट और बेहतर जूते. जल्द ही आपको भारतीय पैरों के मुताबिक जूते मिलने लगेंगे. सरकार ने इसके लिए इंडस्ट्री कंसल्टेशन पूरी की है. देश का मानक ब्यूरो BIS (Bureau of Indian Standards) इसके लिए स्टैंडर्ड जारी करने वाला है. 

भारतीय जूतों के साइज के लिए हुआ सर्वे

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सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएलआरई), चेन्नई ने इसको लेकर विभिन्न आयु वर्ग के लोगों पर सर्वे किया और उस डाटा का विश्लेषण करने के बाद भारतीय पैरों के हिसाब से साइज़ तय किए हैं. अब BIS स्टैंडर्ड बना रहा है जो कि अंतिम चरण में हैं. सूत्रों की मानें तो जून तक इसको जारी करने की योजना है. हालांकि चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, पहले चरण में ये वॉलंटेरी (Voluntary) होगा.

गलत साइज़ के फुटवियर का नुकसान

- गलत साइज के जूते पहनना बड़ी बीमारियां पैदा कर सकता है. इससे पैरों में दर्द हो सकता है.

- घुटनों पर असर होता है.

- Spine से जुड़ी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है.

- तंग जूते कॉर्न्स, गोखरू और पैर की अन्य विकृति जैसे क्रॉस-ओवर और अंतर्वर्धित toenails का कारण बन सकते हैं.

- गलत फिटिंग वाले जूतों से बुजुर्गों के गिरने की संभावना अधिक

- पीठ दर्द, सिरदर्द, टखने की चोट, और प्लांटर फैस्कीटिस की आशंका

सर्वे: कब और कैसे?

जूतों की साइज़ को लेकर सर्वे अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 तक चालू रहा. इसके लिए 4 से 55 आयु वर्ग के एक लाख लोगों के पैरों का 3D आकार इकट्ठा किया गया. इसमें 4-11 बच्चों, 12-18 बड़े बच्चे या युवा और 19-55 वयस्क पुरुष और महिला आयु वर्ग निर्धारित किया गया था. इस डाटा के विश्लेषण के बाद भारतीय पैरों के मुताबिक आकार तय हुआ है. अब अगले स्टेज में हमको हमारे कदमों के मुफ़ीद जूते और सोल मिलने हैं.

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