PM KUSUM Scheme की मियाद सरकार ने मार्च 2026 तक बढ़ाई, कोरोना के बाद स्कीम को लागू करने में आई थी चुनौती
PM KUSUM Scheme: केंद्र सरकार ने साल 2019 में देश के किसानों के लिए इस स्कीम को लॉन्च किया था. बता दें कि कोरोना के आने के बाद इस स्कीम को लागू करने में दिक्कत हुई थी.
PM KUSUM Scheme: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) की सीमा को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है. केंद्र सरकार ने साल 2019 में देश के किसानों के लिए इस स्कीम को लॉन्च किया था. बता दें कि कोरोना के आने के बाद इस स्कीम को लागू करने में दिक्कत हुई थी, जिसको देखते हुए सरकार ने इसकी मियाद को बढ़ाकर मार्च 2026 तक कर दिया है. यानी कि इस स्कीम के तहत अब मार्च 2026 तक रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है और स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है.
क्या है स्कीम का मकसद?
इस स्कीम का मकसद साल 2022 तक 30800 मेगावाट की सोलर कैपिसिटी को जोड़ना है. इस योजना को लागू करने के लिए सरकार की ओर से 34422 करोड़ रुपए का फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है, जिसमें योजना को लागू करने वाली एजेंसी के सर्विस चार्ज भी शामिल है.
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कोरोना महामारी की वजह से स्कीम को लॉन्च करने में दिक्कत आई थी, जिसकी वजह से इसकी सीमा को अब बढ़ाया जा रहा है. बता दें कि मंत्रालय ने स्कीम को बढ़ाने का फैसला लेने से पहले एक थर्ड पार्टी मूल्यांकन किया था और सिफारिशों के बाद ये फैसला लिया गया है.
मंत्रालय ने राज्यों के साथ की बैठक
स्कीम के तहत प्रोजेक्ट्स के कार्यान्वन की समयसीमा को बढ़ाने की मांग राज्य एजेंसी की ओर से पहले की गई थी. न्यू एंड रिन्यूबल एनर्जी मंत्रालय साप्ताहिक और हर 15 दिन के अंतराल में राज्यों के साथ बैठक करता था. राज्य कार्यान्वन एजेंसियों हर महीने मंत्रालय को प्रोग्रेस रिपोर्ट सब्मिट करती है.
इस स्कीम में 3 कंपोनेंट्स शामिल हैं. कंपोनेंट A में सोलर कैपिसिटी के 10000 मेगावाट को इंस्टॉल करना है. इससे 2MW कैपिसिटी के स्मॉल पावर प्लांट्स को इंस्टॉल करने पर फोकस किया जाएगा. कंपोनेंट B में 20 लाख स्टैंनअलोन सोलर पावर्ड एग्रीकल्चर पम्प्स को इंस्टॉल करना है और कंपोनेंट C में 15 लाख ग्रिड कनेक्टेड एग्रीकल्चर पम्प्स को सोलराइजेशन करना है.