इस बार के इलेक्शन में इन 4 टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा चुनाव आयोग, जानिए इनसे आप क्या-क्या कर सकते हैं
चुनावों को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने बताया कि इसके लिए चुनाव आयोग टेक्नोलॉजी का भी पूरा इस्तेमाल कर रहा है.
चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है. इन तारीखों के ऐलान से पहले चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने कुछ आंकड़े बताए. इसी दौरान उन्होंने बताया कि चुनावों को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. राजीव कुमार ने बताया कि इसके लिए चुनाव आयोग टेक्नोलॉजी का भी पूरा इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने 4 टेक्नोलॉजी के बारे में बताया भी. आइए जानते हैं उनके बारे में.
1- VHA
पहला है वोटर हेल्पलाइन ऐप, जिसके जरिए आप तमाम फॉर्म्स के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. मतदाता सूची में अपना नाम चेक कर सकते हैं. पोलिंग बूथ की जानकारियां देख सकते हैं. आप इसके जरिए अपने बीएलओ/ईआरओ से जुड़ सकते हैं. साथ ही आप अपना e-EPIC फॉर्म भी यहां से डाउनलोड कर सकते हैं.
2- cVigil
यह ऐप देश के नागरिकों को यह सुविधा देता है कि अगर कहीं पर चुनाव से जुड़ा कुछ गलत काम हो रहा है तो आप उसे तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं. इसके जरिए आप फोटो, वीडियो, ऑडियो रिकॉर्ड कर के भेज सकते हैं. इसके बाद 100 मिनट के अंदर आपकी लोकेशन पर अधिकारी पहुंच जाते हैं. आपको किसी को अपनी लोकेशन भी देने की जरूरत नहीं होती है, बल्कि वह आपकी शिकायत के साथ खुद ही अधिकारियों के पास पहुंच जाती है. यहां पर आप एक अनजान शख्स की तरह यानी अपनी पहचान बताए बगैर भी शिकायत कर सकते हैं.
3- KYC
इसका मतलबह है नो योर कैंडिडेट. इस ऐप के जरिए आप अपने कैंडिडेट के बारे में जान सकते हैं. आप ये जान सकते हैं कि उसका पुराना बैकग्राउंड क्या है. कैंडिडेट की तरफ से दिए गए एफिडेविट को आप पढ़ सकते हैं. अगर किसी कैंडिडेट का क्रिमिनल बैकग्राउंड है, तो उसे ये जानकारी पब्लिश करना जरूरी है. राजनीतिक पार्टियों को भी ऐसी जानकारियां पब्लिक करनी जरूरी होती हैं. यानी आप अपने कैंडिडेट से जुड़ी हर जानकारी यहां से ले सकते हैं.
4- Suvidha Portal
सुविधा पोर्टल के जरिए कैंडिडेट अपना नॉमिनेशन ऑनलाइन फाइल कर सकते हैं. साथ ही वह अपना एफिडेविट भी फाइल कर सकते हैं. इस पोर्टल का इस्तेमाल कर के कैंडिडेट मीटिंग करने के लिए और रैली करने के लिए इजाजत ले सकते हैं.