BJP West Bengal Post Poll Violence: भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंस्सा के मद्देनजर एक कमेटी का गठन किया है. भाजपा ने प्रेस रिलीज में कहा है कि पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा की घटनाओं का जायजा लेने के लिए एक समिति का गठन किया है, जो शीघ्र ही पश्चिम बंगाल का दौरा करेगी तथा विषय घटनाओं की पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी को सौंपेगी. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 12 सीटें, टीएमसी ने 29 सीटें और कांग्रेस ने एक सीट जीती है.    

BJP West Bengal Post Poll Violence: कमेटी में विप्लब कुमार देब, रविशंकर प्रसाद समेत ये नाम 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भाजपा की कमेटी में विप्लब कुमार देब, सांसद, रविशंकर प्रसाद,सांसद, बृजलाल,सांसद और कविता पाटीदार,सांसद सदस्य होंगे. भारतीय जनता पार्टी ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा, 'कोलकता उच्च न्यायालय ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए सीएपीएफ की तैनाती 21 जून तक बढ़ा दी है और मामले को आगे की समीक्षा के लिए 18 जून को सूचीबद्ध किया है. पश्चिम बंगाल को छोड़कर कहीं भी राजनीतिक हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है. पश्चिम बंगाल ही एक-मात्र ऐसा राज्य है जो चुनाव के बाद हिंसा की चपेट में है, जैसा कि हमने वहां 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद देखा था.'

BJP West Bengal Post Poll Violence: ममता बनर्जी पर साधा निशाना, कहा- 'मूकदर्शक बनी हुई पश्चिम बंगाल' 

भाजपा ने कहा, 'हिंसा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मूकदर्शक बनी हुई हैं, जबकि उनकी पार्टी के अपराधी बेखौफ होकर विपक्षी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर हमला कर रहे हैं और उन्हें डरा-धमका रहे हैं.' लोकसभा चुनाव के बाद नदिया जिले में भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या और चुनाव के दौरान और बाद में कोलकाता और उसके आसपास के यादवपुर, बेलेघाटा और बारानगर इलाकों में भाजपा सहित विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर कथित हमला हुआ था. 

BJP West Bengal Post Poll Violence: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने हिंसा पर कही ये बात 

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि यदि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आयी, तो ‘‘गुंडों का उत्तर प्रदेश की तरह मुठभेड़ जैसा इलाज किया जाएगा.'दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि मजूमदार जानते हैं कि भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता में नहीं आएगी और 2019 की तुलना में उसे लोकसभा की कम सीट मिलेंगी, लेकिन वह पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं.'