भाजपा ने शुरू की चार राज्यों के विधानसभा की तैयारी, शिवराज सिंह चौहान समेत इन केंद्रीय मंत्रियों को बनाया प्रभारी
BJP Incharge Legislative Assembly Elections: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी और सह प्रभारियों की घोषणा की है.
BJP Incharge Legislative Assembly Elections: लोकसभा चुनाव 2024 नीतजे जारी होने और सरकार गठन के बाद भाजपा अब इस साल चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. भाजपा ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं सह-प्रभारियों के नामों का ऐलान कर दिया है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार राज्यों के प्रभारी का जिम्मा केंद्रीय मंत्रियों को दिया है. वहीं, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को सह प्रभारी नियुक्त किया है.
BJP Incharge Legislative Assembly Elections: भूपेंद्र यादव को दी महाराष्ट्र की जिम्मेदारी, शिवराज सिंह चौहान झारखंड के प्रभारी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को महाराष्ट्र, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को हरियाणा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को जम्मू-कश्मीर का प्रदेश चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. प्रदेश चुनाव सह-प्रभारियों की नियुक्ति की बात करें तो, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को महाराष्ट्र, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को झारखंड और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को हरियाणा का प्रदेश चुनाव सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है.
BJP Incharge Legislative Assembly Elections: एक साल में होने हैं चार राज्यों की विधानसभा चुनाव
जम्मू एवं कश्मीर में किसी को भी सह-प्रभारी नियुक्त नहीं किया गया है. आपको बता दें कि सभी राज्यों में एक साल के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं. निर्वाचन आयोग की ओर से अभी तक चुनाव की तारीखें घोषित नहीं की गई हैं. महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार है. वहीं, हरियाणा में भाजपा अपने दम पर सरकार में है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है और दोनों ही विपक्षी इंडी गठबंधन के घटक दल हैं.
आपको बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद उसे विभाजित कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेश बनाए गए थे.