नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के लिए तैयार है, जबकि अगले साल मई में होने वाले आम चुनावों में पार्टी ने 350 से अधिक लोकसभा सीटों का लक्ष्य रखा है. साल 2024 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी पंचायत स्तर पर चुनाव जीतने से लेकर संसद की ओर कदम बढ़ाते हुए सत्ता को मजबूत करना चाहती है. भाजपा न केवल 2024 का आम चुनाव जीतकर केंद्र में तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना चाहती है, बल्कि इससे यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारत की जनता ने स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार में अपना विश्वास जताया है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2024 के लोकसभा चुनाव में 350 प्लस सीटें जीतने के लिए पार्टी कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है. अगर बीजेपी अकेले 350 प्लस सीटों का लक्ष्य हासिल कर लेती है, तो एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर आगामी आम चुनाव में उसकी सीटों की संख्या 400 के आसपास पहुंच जाएगी. बता दें कि केंद्र में लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने एक साल से अधिक समय पहले 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. एक तरफ पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली 303 सीटों पर पूरा फोकस कर रही है, वहीं दूसरी तरफ देश की 160 'कमजोर सीटों' पर भी खास तैयारी कर रही है.

इन 160 लोकसभा सीटों में सोनिया गांधी की रायबरेली, अखिलेश यादव के परिवार का गढ़ मैनपुरी, शरद पवार के परिवार का गढ़ बारामती के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत की वे सीटें शामिल हैं जहां पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में जीत नहीं पाई थी. 160 लोकसभा सीटों पर फोकस करते हुए पार्टी लंबे समय से अपने दिग्गज मंत्रियों और नेताओं को इन संसदीय क्षेत्रों में तैनात कर 'लोकसभा प्रवास योजना' अभियान चला रही है. 

इन सभी 160 लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्येक विधानसभा सीट पर स्थानीय पार्टी नेताओं को तैनात करने का भी निर्णय लिया गया है. इन 160 लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत राज्य विधानसभा की लगभग 1,000 सीटें आती हैं. बीजेपी ने पहले फैसला किया था कि वह देश की उन 160 लोकसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही पर्यवेक्षक तैनात कर देगी, जिन्हें बीजेपी के लिए 'कमजोर सीटें' माना जा रहा है. बाद में इसकी संख्या बढ़ती गई और अब बीजेपी देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक तैनात कर रही है.

एक तरफ बीजेपी प्रचार के पारंपरिक माध्यम यानी 'लोकसभा प्रवास योजना', 'विस्तारक योजना' और 'विकास भारत संकल्प यात्रा' जैसे अभियानों के जरिए मतदाताओं से सीधे जुड़ रही है और लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, दूसरी ओर, भगवा पार्टी भी देश भर में 'कॉल सेंटर' स्थापित करके 'नमो ऐप' जैसे आधुनिक संचार माध्यमों का भरपूर उपयोग कर रही है.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा से पहले ही पार्टी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू कर सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जनवरी के अंत या फरवरी के पहले हफ्ते में जारी हो सकती है. नए साल में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी जल्द ही चुनाव घोषणापत्र और चुनाव अभियान समिति का भी गठन करेगी.

बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपना एजेंडा भी स्पष्ट कर दिया है कि एक तरफ पार्टी मोदी सरकार की उपलब्धियों और उसके विकास के एजेंडे को जनता के सामने उजागर करने के लिए कल्याणकारी योजना के लाभार्थियों को लक्ष्य बनाएगी, वहीं दूसरी तरफ वह अपना ध्यान अयोध्या मंदिर पर केंद्रित करेगी. दूसरी ओर, बीजेपी विपक्षी दल इंडिया गुट को 'अहंकारी गठबंधन' और 'इंडी एलायंस' कहकर संबोधित करते हुए लगातार सनातन धर्म, राम मंदिर निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी.