PMI Manufacturing: भारत में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई में लगातार दूसरे महीने कम हुईं. एक मासिक सर्वेक्षण में मंगलवार को बताया गया कि उत्पादन बढ़ने की दर और नए ऑर्डर की दर थोड़ी घटने के चलते ऐसा हुआ. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) जुलाई में घटकर 57.7 पर आ गया, जो जून में 57.8 था. 

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सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस गिरावट के बावजूद भारतीय विनिर्माण क्षेत्र ने मजबूत वृद्धि को बनाए रखा है. पीएमआई के आंकड़ों ने जुलाई में लगातार 25वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार का संकेत दिया. पीएमआई की भाषा में 50 से अधिक अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है और 50 से कम अंक संकुचन की स्थिति को दर्शाता है. 

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अर्थशास्त्र निदेशक एंड्रयू हार्कर ने कहा, ''जुलाई में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि की गति कम होने के कोई संकेत नहीं दिखे, क्योंकि नए ऑर्डर में मजबूत वृद्धि के कारण उत्पादन चालू रहा.'' सर्वेक्षण में कहा गया कि उत्पादन और नए ऑर्डर में वृद्धि की दर जून की तुलना में थोड़ी कम रही. इस दौरान रोजगार सृजन की गति मोटे तौर पर मई और जून के रुझानों के अनुरूप थी. लागत मुद्रास्फीति दबाव अपेक्षाकृत कम रहा.

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